Nov १७, २०२१ ०८:३२ Asia/Kolkata
  • एक मानवीय संकट को राजनीतिक चोला पहनाकर हज़ारों लोगों की ज़िंदगी से खेलते राजनेता

बेलारूस ने शरणार्थियों के संबन्ध में हर प्रकार के टकराव से दूर रहने की घोषणा की है।

फ़्रांस प्रेस के अनुसार बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर लोकाशिंको ने मंगलवार को मंत्रीमण्डी की बैठक में कहा कि उनका देश, पोलैण्ड की सीमा पर मौजूद शरणार्थियों के बारे में हर प्रकार के टकरवा से दूर रहना चाहता है।

इस समय पश्चिमी एशिया के देशों से संबन्ध रखने वाले दो हज़ार से अधिक शरणार्थी, बेलारूस और पोलैण्ड की सीमावर्ती क्षेत्र में मौजूद हैं।यह शरणार्थी पोलैण्ड के माध्यम से यूरोपीय संघ के देशों में जाना चाहते हैं।

जिस स्थान पर यह शरणार्थी मौजूद हैं वहां पर कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और शरणार्थियों के पास ठंड से बचने के लिए उचित सामान नहीं है।  इससे पहले यूरोपीय संघ ने बेलारूस पर आरोप लगाया था कि वह इस संघ को अस्थिर करने के लिए शरणार्थयों को राजनीतिक हथकण्डे के रूप में प्रयोग कर रहा है।  बेलारूस ने इसका खण्डन किया है।

ज्ञात रहे कि पिछले कई दिनों से हज़ारों शरणार्थी, कड़ाके की ठंड में बेलारूस और पोलैण्ड की सीमावर्ती क्षेत्र में मौजूद हैं।  पोलैण्ड ने सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ लगाकर वहां पर सैनिकों को तैनात कर दिया है ताकि यह शरणार्थी यूरोपीय संघ के देशों तक न जाने पाएं।  वहां पर मौजूद शरणार्थी इस समय बहुत ही विषम परिस्थितियों में हैं क्योंकि न तो उनके पास खाने के लिए कोई सामान है और न ही कड़ाके की ठंड से बचने के लिए उचित व्यवस्था है।

बहुत से जानकारों का कहना है कि बेलारूस और पोलैण्ड के सीमावर्ती क्षेत्र में उत्पन्न शरणार्थी संकट को केवल राजनीतिक दृष्टि से ही देखा जा रहा है और उसके मानवीय आयम पर किसी की नज़र नहीं है।  कोई देश भी यह नहीं सोच रहा है कि इतनी ठंड और भूख तथा प्यास में इन हज़ारों शरणार्थियों का क्या होगा?

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