समुद्र में डूब जाने वाले टापू पर भेजा जा रहा है रोहिंग्या मुसलमानों को
रोहिंग्या शरणार्थियों को उस द्वीप पर रहने के लिए भेजा जा रहा है जो भविष्य में समुद्र में डूब जाएगा।
बांग्ला देश ने रोहिंग्या शरणार्थियों को बंगाल की खाड़ी में स्थित उस द्वीप पर भेजना आरंभ कर दिया है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह भविष्य में पानी में डूब जाएगए।
भशान्चर नामक यह द्वीप बांग्ला देश के दक्षिणपूर्वी तट पर स्थित है। मानवाधिकार संगठनों ने समुद्र में डूबने के ख़तरे का सामना कर रहे इस द्वीप की वर्तमान परिस्थितियों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
रोहिंग्या मुसलमानों को इस द्वीप पर ले जाने की निगरानी का काम करने वाले अधिकारी मुहम्मद शमशाद ने बताया है कि बांग्लादेश की नौसेना का एक जह़ाज 379 रोहिंग्या शरणार्थियों को चिट्टाग्राम से लेकर भशान्चर द्वीप जाएगा। उनका कहना था कि वे लोग स्वेच्छा से इस द्वीप पर जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अगले कुछ सप्ताहों में लगभग 1500 रोहिंग्या शरणार्थियों को चरणबद्ध ढंग से इस द्वीप पर ले जाया जाएगा। ढाका के काक्स बाज़ार से 1900 रोहिंग्या शरणार्थियों को भशानचर द्वीप भेजा जा चुका है।
ज्ञात रहे कि समुद्र के बीच मे स्थित भशानचर द्वीप 40 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां पर कोई नहीं रहता केवल मछुआरे कभी-कभी आराम के लिए कुछ समय वहां पर ठहरते हैं और फिर वापस चले जाते हैं।
बांग्ला देश प्रशासन ने काक्स बाज़ार में भरे शरणार्थी शिविरों की समस्या का समाधान इस प्रकार से निकाला है कि भविष्य में पानी में डूब जाने वाले द्वीप पर रोहिंग्या शरणार्थियों को बसा दिया जाए।
वैज्ञानिकों का कहना है कि भौगोलिक परिस्थितियों और धरती के बढ़ते तापमान को देखते हुए भशान्चर द्वीप के समुद्र में डूबने की संभावना बहुत अधिक है।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना और बौद्धों की हिंसा से तंग आकर अगस्त 2017 में लाखों रोहिंग्या मुसलमान अपना देश और मातृभूमि को छोड़कर बांग्लादेश में आ गए थे। लगभग 11 लाख रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में शरण ली थी।
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