कोरोना के नए वेरिएंट का ख़ौफ़, यूरोप सहित बहुत सारे देशों ने लगा दीं सफ़री पाबंदियां, डब्ल्यूएचओ भी फ़िक्रमंद
कोरोना वायरस के नए वेरियंट के सामने आ जाने के बाद यूरोप और एशिया सहित कई इलाक़ों में अफ़्रीक़ी देशों विशेष रूप से दक्षिणी अफ़्रीक़ा पर सफ़री पाबंदी लगा दी है।
नए वेरियंट के अब तक कुल 10 मामले तीन देशों में सामने आए हैं मगर वायरस के भीतर हुए बदलाव को देखते हुए शोधकर्ता यह कह रहे हैं कि यह वेरियंट इम्युन सिस्टम पर हमला कर सकता है।
इस वायरस की संक्रामक क्षमता बहुत ज़्यादा बताई जाती है और इसकी ख़बर आम होते ही यूरोप और एशिया के शेयर बाज़ारों में भारी गिरावट आई है।
जर्मन स्वास्थ्य मंत्री जीन्स इस्पाहिन युनिन ने अपने बयान में कहा कि हमें यह मालूम है कि वायरस की नई क़िस्म सामने आई है जो बहुत सारी समस्याएं पैदा कर सकती है।
वायरस के बारे में यह चिंता जताई जा रही है कि यह अब तक की सारी क़िस्मों से ज़्यादा ख़तरनाक है जो टीकाकरण अभियान के असर को भी ख़त्म कर सकता है।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्रशी साजिद जावेद ने संसद को बताया कि आरंभिक रूप से यह लक्षण दिखे हैं कि यह क़िस्म डेल्टा से भी ज़्यादा ख़तरनाक है।
इस्राईल ने एलान किया कि वहां भी इस वेरियंट का पहला केस रिपोर्ट हुआ है और उस व्यक्ति को वैक्सीन भी लग चुकी थी।
यूरोपीय संघ और अमरीका सहित अनेक देशों ने दक्षिणी अफ़्रीक़ा और पड़ोसी देशों से आने वाली उड़ानों पर पाबंदी लगाते हुए क्वरैंटाइन के नियम कठोर कर दिए हैं।
इटली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दक्षिणी अफ़्रीक़ा सहित सात अफ़्रीक़ी देशों से आने वालों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। जापान ने भी सफ़र की पाबंदी लगा दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्युएचओ ने दुनिया भर के देशों और संस्थाओं को चेतावनी दी है कि वह अफ़रा तफ़री से बचने के लिए तत्काल किसी नतीजे पर पहुंचने से बचें। डब्ल्युएचओ के हेड आफ़ इमर्जेन्सीज़ डाक्टर माइकल रयान ने यूरोपीय संघ की ओर से पाबंदी के एलान के बाद कहा कि फ़ौरन इस तरह के एलान से अफ़रा तफ़री मच सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट को लेकर चिंता ज़ाहिर की है, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस नए वेरिएंट को ओमाइक्रोन नाम दिया है। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह काफी तेज़ी से और बड़ी संख्या में म्यूटेट होने वाला वेरियंट है और जो शुरुआती साक्ष्य मिले हैं उनके आधार पर कहा जा सकता है कि इससे संक्रमण का ख़तरा बढ़ा है।
डब्ल्यूएचओ को इस वेरिएंट के पहले मामले की जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिली थी. इसके अलावा बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इसराइल में भी इस वेरियंट की पहचान की गई है।
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