म्यांमार में सेना की हिंसा से राष्ट्रसंघ चिंतित
(last modified Wed, 02 Feb 2022 04:30:35 GMT )
Feb ०२, २०२२ १०:०० Asia/Kolkata
  • म्यांमार में सेना की हिंसा से राष्ट्रसंघ चिंतित
    म्यांमार में सेना की हिंसा से राष्ट्रसंघ चिंतित

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने म्यामार में सेना द्वारा की गई कार्यवाही पर गंभीर चिंता जताई है।

म्यांमार के बारे में संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेष दूत नोएलीन हेज़र ने कहा है कि म्यांमार की स्थति लगातार अस्थिर होती जा रही है।  उन्होंने कहा कि वहां पर आम लोगों पर हमलों से चिंताओं को अधिक बढ़ा दिया है।

राष्ट्रसंघ के विशेष दूत का कहना है कि म्यांमार के आधे से अधिक लोग इस समय निर्धन्ता में ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं।  उनका कहना था कि एक अनुमान के हिसाब से एक करोड़ चालीस लाख से अधिक लोगों को तत्काल मानवताप्रेमी सहायता की ज़रूरत है।

म्यांमार में सेना की हिंसा से राष्ट्रसंघ चिंतित

 

उल्लेखनीय है कि पहली फरवरी 2021 को म्यांमार में सेना से विद्रोह करके वहां की सरकार को गिरा दिया था।  उस दिन से अबतक आधिकारिक रूप में म्यांमार में कम से कम 500 आम लोग मारे गए हैं।  इसी बीच 11800 लोगों को जेलों में डाल दिया गया है।

हालांकि सेना की दमनात्मक कार्यवाहियों के बावजूद म्यांमार में विरोध का क्रम अब भी जारी है।  वर्तमान समय में म्यांमार की सैन्य सरकार के बहुत से विरोधी गुट, वहां के सशस्त्र गुटों से जा मिले हैं जो सेना से टकराते रहते हैं।

विशेष बात यह है कि म्यांमार की सेना अपनी हिंसक कार्यवाहियों के लिए बदनाम है।  इससे पहले म्यांमार में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों का इस देश की सेना ने जनसंहार करके उनको पलायन करने पर विश्व कर दिया था।  इसी के साथ सुनियोजित ढंग से रोहिग्या मुसलमानों की हत्याएं भी की गईं।

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