जो लोग कोरोना वैक्सीन ले चुके हैं और ओमिक्रॉन से संक्रमित हो गये, वह क्या करें???
जिन लोगों को कोरोना वायरस से बचाव की वैक्सीन लगी है और अगर वे ओमिक्रॉन से संक्रमित हो जाते हैं, तो ऐसे में कोरोना के कई वैरियंट्स के ख़िलाफ उनके शरीर में इम्युनिटी बन जाती है।
हाल ही में हुए शोध से इस बात का पता चला है। अध्ययन बताते हैं कि वैक्सीन लगे हुए मरीज़ को अगर संक्रमण होता है, तो उसमें वैक्सीन और उसकी बूस्टर डोज़ से भी ज़्यादा इम्युनिटी पैदा हो जाती है।
कोविड वैक्सीन निर्माता बायो एनटेक एसई और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने हाल ही में प्रिप्रिंट सर्वर bioRxiv पर इस शोध के नतीजे पोस्ट किए थे। अध्ययन से पता चलता है कि ऐसे लाखों लोग जिन्हें टीका लग चुका है, उन्हें अगर ओमिक्रॉन से संक्रमण हो जाता है तो इस बात की काफी संभावना है कि वह कोरोना के किसी दूसरे हालिया वैरिएंट से गंभीर रूप से बीमार नहीं होंगे, हालांकि इस शोध के नतीजों को असल दुनिया से साक्ष्यों के साथ सुनिश्चित किया जाना बाकी है।
पेन्सिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में इम्यूनोलॉजी संस्थान के निदेशक और प्रोफेसर जॉन व्हैरी का कहना है कि वैक्सीन के बाद हुआ संक्रमण यानी ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन और वैक्सीन की एक डोज का असर बराबर होता है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी को हाल ही में कोविड संक्रमण हुआ है तो वह बूस्टर वैक्सीन लगवाने के लिए इंतजार कर सकते हैं हालांकि यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के प्रमुख वैज्ञानिक एलेक्जैंडर वॉल्स कहते हैं कि इसका मतलब यह नहीं है कि लोग कोरोना से जानबूझकर ख़ुद को संक्रमित करवाने लगें, यह खतरनाक हो सकता है।
इस रिसर्च के लिए शोधार्थियों ने ऐसे लोगों के खून के नमूने लिए, जो कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और उन्हें पहले ही वैक्सीन की दो या तीन डोज लग चुकी थीं. दूसरे ग्रुप में उन संक्रमित लोगों के नमूना लिए गए, जिन्हें वैक्सीन की दो या तीन डोज लेने के बाद डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरियंट से संक्रमण हुआ था. एक समूह ऐसा था जिन्हें वैक्सीन की बूस्टर डोज भी लग चुकी थीं लेकिन उन्हें कभी कोविड नहीं हुआ था, एक अलग समूह में उन लोगों को रखा गया जो ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए लेकिन उन्हें कभी वैक्सीन नहीं लगी।
अध्ययन से पता चला है कि वैक्सीन लगे लोगों को जब ओमिक्रॉन संक्रमण हुआ, तो उन लोगों में एंटीबॉडी पहले से मौजूद थीं और वह कोरोना के डेल्टा जैसे विभिन्न वैरियंट को पहचानने और उनसे बचाव में सक्षम थे। अध्ययन में यह भी पाया गया कि इम्यून सिस्टम में पाई जाने वाली बी कोशिका जो एक तरह की सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं, ओमिक्रॉन से संक्रमित होकर ठीक हो चुके मरीज़ों में इस कोशिका की प्रतिक्रिया ज्यादा व्यापक देखने को मिली. जबकि ऐसे लोग जो संक्रमित नहीं हुए थे और उन्हें वैक्सीन की बूस्टर डोज लगी थी, उसमें इन कोशिकाएं की प्रतिक्रिया पहले की तुलना में कम थी। (AK)
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