Jun ०५, २०२२ २०:३७ Asia/Kolkata
  • म्यांमार में राजनैतिक क़ैदियों पर मंडरा रहा है मौत का ख़तरा

म्यांमार में जेलों में बंद राजनैतिक क़ैदियों को वहां की सेना फांसी देने का मन बना चुकी है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचवि ने इस संभावना पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है कि म्यांमार के राजनैतिक बंदियों को मौत की सज़ा दी जाए।

राष्ट्रसंघ ने म्यांमार की सैनिक सरकार के इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है कि राजनैतिक बंदियों को फांसी दी जानी चाहिए।  यह वे लोग हैं जिनकों म्यांमार में सेना द्वारा सत्ता हथियाने के दौरान बंद करके जेलों में डाल दिया गया था।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की ओर ये यह एलान किया गया है कि म्यांमार की सैनिक सरकार द्वारा राजनैतिक बंदियों को मौत की सज़ा दिये जाने के फैसले का हम विरोध करते हैं और यह स्वतंत्रता एवं सुरक्षा का हनन है।  रिपोर्टों में बताया गया है कि पहली फरवरी सन 2021 में म्यांमार में होने वाले सैन्य विद्रोह के बाद से अबतक कम से कम 113 लोगों को फांसी दी जा चुकी है।

म्यांमार में फरवरी के सैन्य विद्रोह के बाद प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध सेना की हिंसक कार्यवाही में लगभग एक हज़ार लोग मारे गए तथा हज़ारों लोगों को बंदी बना लिया गया था।

इसी बीच म्यांमार की सैन्य सरकार के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए फ्रांस ने इसको अस्वीकार्य बताया।  फ्रांस का कहना है कि यह फैसला बहुत शर्मिंदा करने वाला है।  फ़्रांस के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार म्यांमार में स्वतंत्रता के समर्थकों को लक्ष्य बनाया जा रहा है।

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