भारत और बांग्लादेश में भारी बारिशों से कम से कम 41 लोगों की मौत
बांग्लादेश और भारत में मॉनसून की भारी बारिशों के कारण अब तक कम से कम 41 लोगों की जान चुकी है और बाढ़ से लाखों लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ बांग्लादेश के निचले इलाक़ों में करोड़ों लोगों के लिए एक नियमित आपदा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन ने उसकी उग्रता और अप्रत्याशितता को अधिक बढ़ा दिया है।
पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश से बांग्लादेश के उत्तर पूर्वी हिस्से में हालात अत्यधिक ख़राब हो गये हैं। 40 लाख से अधिक लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।
इस इलाक़े के लोगों का संपर्क अपने रिश्तेदारों व शेष बांग्लादेश से कट सा गया है। नदियां उफान पर हैं। बाढ़ में घिरे लोगों को घरों से निकालकर स्कूलों में बनाए गए राहत शिविरों में रखा गया है।
स्थिति लगातार खराब होते देख राहत व बचाव कार्यों के लिए सेना को तैनात किया गया है।
बाढ़ की स्थिति इतनी भयावह है कि लोग बीमार पड़ने लगे हैं, और उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। कंपनीगंज गांव के लुक़मान का कहना है कि उनका पूरा गांव पानी में डूब गया है। लोग घरों की छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। लुक़मान के अनुसार उन्होंने अपने पूरे जीवन में ऐसी बाढ़ नहीं देखी है।
पिछले 24 घंटों में सिर्फ़ बिजली गिरने के कारण 21 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 3 बच्चे 12 से 14 साल के थे।
भारत के राज्य मेघालय में बारिशों और बाढ़ से मरने वालों की संख्या कम से कम 16 हो चुकी है। राज्य के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखाः भूस्खलन और नदियों के जलमग्न होने के बाद, अब सड़कें भी जलमग्न हो गईं हैं। msm
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