पैरिस में तीन देशों की शिखर बैठक, जर्मनी और फ़्रांस ने यूक्रेन की मदद का वादा दोहराया, ज़ेलेन्स्की ने कहा बाख़मोत पर रूस का क़ब्ज़ा ख़तरनाक
पैरिस में फ़्रांस, जर्मनी और यूक्रेन के नेताओं की शिखर बैठक हुई जिसमें जर्मनी और फ़्रांस के नेताओं ने कहा कि रूस के ख़िलाफ़ जारी जंग में युक्रेन की भरपूर मदद की जाएगी।
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां और जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शोल्ज़ ने कहा कि वे विजय मिल जाने तक यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे और यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई जारी रहेगी। इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषी सुनक ने भी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर ज़ेलेन्स्की से मुलाक़ात में आश्वासन दिया था कि इस जंग में यूक्रेन की भरपूर मदद की जाएगी।
मैक्रां ने कहा कि रूस यह जंग जीत नहीं पाएगा और यह हरगिज़ होना भी नहीं चाहिए, यूक्रेन इस मामले में फ़्रांस और उसके घटकों पर भरोसा कर सकता है।
जर्मन चांसलर ने भी कहा कि यूक्रेन की मदद की जाएगी और रूसी सेना की प्रगति को रोकने के लिए सामरिक सहायता दी जाएगी।
शोल्ज़ ने कहा कि आर्थिक सहायता, मानवीय सहायता, हथियार, भारी हथियार, एयर डिफ़ेंस सिस्टम और टैंक जब तक ज़रूरी होगा यूक्रेन को दिए जाते रहेंगे।
ज़ेलेन्स्की ने कहा कि उनके देश को इस जंग में भारी हथियारों और युद्धक विमानों की ज़रूरत है और यह चीज़ें तत्काल मिल जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हमें फ़ौरन भारी हथियार और युद्धक विमान मिल गए तो यह जंग जल्द रुकेगी और यूरोप में शांति की बहाली संभव होगी।
ज़ेलेन्स्की अब ब्रसेल्ज़ जाएंगे जहां वो यूरोपीय संघ की बैठक में शामिल होंगे।
ज़ेलेन्स्की ने ली फ़िगारो अख़बार को इंटरव्यू देते हुए कहा कि अगर बाख़मोत शहर पर रूस का क़ब्ज़ा हो गया तो रूसी सेना बेहतर पोज़ीशन में आ जाएगी और वे काफ़ी आगे बढ़ने की योजना बनाएंगे।
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