Aug १४, २०२३ १५:५० Asia/Kolkata

संयुक्त राज्य अमरीका में बहुत ही नाटकीय ढंग से राजीतिक अतिवाद बढ़ता जा रहा है। 

जैसे-जैसे अमरीका में 2024 के राष्ट्रपति पद के चुनाव और इस देश के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के विरुद्ध न्यायिक कार्यवाही का समय निकट होता जा रहा है वैसे-वैसे वहां पर राजनीतिक अतिवाद में वृद्धि देखी जा रही है।  अमरीकी अधिकारियों के विरुद्ध धमकियों में भी तेज़ी आई है।  इस विषय ने अमरीका के भीतर क़ानून को लागू करने और इस देश के लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा कर दी हैं। 

पोलिटिको ने अपने संपादकीय में इस संदर्भ में अमरीका के यूटा प्रांत में 74 वर्षीय एक अमरीकी की एफबीआई के हाथों मौत के बारे में लिखा है जिसने अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इस देश की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को जान से मारने की धमकी दी थी।  इस व्यक्ति ने सोशल मीड़िया पर यह काम किया था जो बाद में एकआआई के हाथों मारा गया।  यही कारण है कि विशेषज्ञ, अमरीकी लोगों के भीतर कट्टरपंथ और राजनीतिक लक्ष्यों के अन्तर्गत हिंसा में वृद्धि के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। 

पिछले सप्ताह टेकज़ास के रहने वाले 52 वर्षीय एक अमरीकी को एरीज़ोना राज्य के चुनाव कर्मियों की हत्या की धमकी देने के आरोप में तीन वर्षों की सज़ा दी गई थी।  इससे चार दिन पहले मिशिगन में 56 वर्षीय एक महिला को गिरफ़्तार किया गया था जिसने मानसिक रूप से अक्षम अपने बेटे की रक्षा के बहाने हथयार ख़रीदे जबकि उसको वह राज्य के गवर्नर और अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के विरुद्ध प्रयोग करना चाहती थी। 

अमरीकी कांग्रेस की पुलिस ने भी पिछले साल एक रिपोर्ट में बताया था कि कांग्रेस के सदस्यों के विरुद्ध धमकियों का सिलसिला तेज़ी से बढ़ रहा है।  पिछले चार वर्षों की तुलना में यह दो बराबर हो चुका है।  अमरीका के दो प्रमुख राजनीतिक दलों के सदस्यों अर्थात डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन के बीच तनाव विशेषकर अमरीका के पूर्व और वर्तमान राष्ट्रपतियों के बीच पाए जाने वाले मतभेदों ने आंतरिक विभाजन और मतभेदों में बहुत अधिक वृद्धि कर दी है।  राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान समय में अमरीका की तनावपूर्व स्थिति का मुख्य कारण इस देश के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के निराधार दावे हैं जिनको वे समय-समय पर दोहराते रहते हैं।  ट्रम्प कई बार एफबीआई की आलोचना करते रहे हैं और उन्होंने अमरीकी न्याय विभाग की भी निंदा की है। 

जानकार कहते हैं कि यह धमकियां, हिंसा की भूमिका प्रशस्त कर सकती हैं क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव के निकट आते ही शाब्दिक युद्ध आरंभ हो चुका है।  इस बारे में एफबीआई में आतंकवाद विरोधी अभियान के पूर्व अधिकारी जावेद अली कहते हैं कि व्यक्तिगत रूप में जब कार्यवाही की जाती है तो वह बहुत ख़तरनाक सिद्ध हो सकती है क्योंकि वह सामान्यतः बिना किसी पूर्व सूचना के जल्दी में किया जाने वाला काम होता है।  अमरीका की आंतरिक सुरक्षा के मंत्री का कहना है कि देश में बढ़ता घरेलू हिंसक आतंकवाद, अमरीका के लिए गंभीर ख़तरे में बदलता जा रहा है।

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