ग़ज़्ज़ा में शर्मसार होती इंसानियत को देखकर यूएन मानवीय राहत एजेंसियों की निकली चीख़, ‘बस, अब बहुत हो चुका’
संयुक्त राष्ट्र की 10 से अधिक एजेंसियों ने इस्राईल द्वारा ग़ज़्ज़ा पर किए जाने वाले पाश्विक हमलों के दूसरे महीने में प्रवेश करने से ठीक पहले, ग़ाज़ा में तत्काल मानवतावादी युद्धविराम लागू करने की अपील दोहराई है, ताकि ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक सहायता पहुंचाई जा सके।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, अवैध आतंकी ज़ायोनी शासन द्वारा लगातार एक महीने से किए जाने वाले पाश्विक हमलों की वजह से स्थिति इतनी ख़राब हो चुकी है कि अब अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की भी चीख़ें निकलने लगी हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसियों ने एक साझा संदेश जारी करते हुए कहा है कि ‘बस, अब बहुत हो चुका।’उत्तरी ग़ज़्ज़ा में बीती रात इस्राईल द्वारा की गई भीषण बमबारी के बीच, यूएन एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि सभी पक्षों को अन्तर्राष्ट्रीय मानवतावादी और मानवाधिकार क़ानूनों के तहत तयशुदा दायित्वों का सम्मान करना होगा। उन्होंने कहा कि आम लोगों और अस्पतालों, शरण स्थलों, और स्कूलों समेत बुनियादी ढांचे की रक्षा की जानी होगी। यूएन एजेंसियों ने अपने संयुक्त वक्तव्य में, ग़ज़्ज़ा में बड़ी संख्या में आम लोगों के मारे जाने और पट्टी के 22 लाख निवासियों तक भोजन, दवा, बिजली व ईंधन आपूर्ति ना हो पाने पर गहरा क्षोभ प्रकट किया है।
यूएन एजेंसी के अनुसार, रविवार शाम तक, पिछले 24 घंटों में अस्पतालों के नज़दीकी इलाक़ों में इस्राईल के हवाई हमले जारी हैं, जिनमें इंडोनेशियाई अस्पताल, अल क़ुद्स अस्पताल समेत अन्य देखभाल केन्द्र हैं। इन हमलों में बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं और इमारतों को क्षति पहुँची है। मानवीय सहायता अधिकारियों ने कहा कि एक पूरी आबादी घेराबन्दी की शिकार है और हमले झेल रही है। उसे जीवित रहने के लिए अति आवश्यक सामग्री की सुलभता नकार दी गई है और उन्हें घरों, आश्रय स्थलों, अस्पतालों और उपासना स्थलों पर बमबारी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि ग़ज़्ज़ा में 35 में से 14 अस्पतालों में कामकाज ठप हो चुका है। 7 अक्टूबर के बाद से अब तक 23 हज़ार लोग घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार की आवश्यकता है। (RZ)
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