Mar १८, २०२४ १९:२४ Asia/Kolkata
  • अमरीका, फ्रांस और जर्मनी ने बढ़ाया हथियारों का निर्यात, पहुंचे पहले पायदान पर

अमरीका, फ्रांस और जर्मनी की ओर से पश्चिमी एशिया के लिए हथियारों के निर्यात में वृद्धि हो गई है। 

पार्सटुडे के अनुसार स्वीडेन के SIPRI अर्थात स्टाकहोम इंटरनैश्नल पीस रिसर्च इंसटीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले एक दशक के दौरान पश्चिमी एशिया के लिए हथियारों के निर्यात में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

स्टाकहोम अन्तर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान ने, जो सशस्त्र संघर्षों की जांत करन के साथ ही हथियारों के आयात व निर्यात का भी विशलेषण करती है, बताया है कि पिछले एक दशक के दौरान पूरी दुनिया में हथियारों की बिक्री का चलन बना हुआ है। 

इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि सऊदी अरब, मिस्र और क़तर द्वारा हथियारों की ख़रीदारी के कारण इसमें उल्लेखनीय ढंग से वृद्धि हुई है।  रिपोर्ट बताती है कि मिस्र और क़तर के यहां हथियारों की ख़रीदारी में 136 प्रतिशत से 361 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। 

हालांकि 2011 से 2020 के बीच विश्व स्तर पर हथियारों की बिक्री का चलन बना रहा किंतु इसी दौरान अमरीका, फ्रांस और जर्मनी ने हथियारों में निर्यात में उल्लेखनीय ढंग से वृद्धि की है।  इस अवधि में रुस और चीन की ओर से हथियारों के निर्यात में कमी हुई है। 

विश्व में हथियारों का सर्वाधिक निर्यात करने वाले 5 देशों में अमरीका, फ्रांस और जर्मनी सर्वोपरि हैं। हालांकि हथियारों के निर्यात में संयुक्त राज्य अमरीका सबसे महत्वपूर्ण देश है।  एक दशक के भीतर अमरीका ने हथियारों के निर्यात में अपने 32 प्रतिशत के भाग को बढ़ाकर 37 प्रतिशत कर दिया है। 

जानकारों का कहना है कि मध्यपूर्व में व्यापक स्तर पर हथियारों के निर्यात का मुख्य कारण इराक़, सीरिया और अफ़ग़ानिस्तान पर अमरीकी हमले और इसी क्षेत्र में ज़ायोनी शासन की उपस्थिति रही है।

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