डॉलर का राज और अमेरिकी उपकरणों पर जापान की सैन्य निर्भरता का संकट
पार्सटुडे - इस वर्ष डॉलर के मुकाबले येन की क़ीमत में पिछले चार दशकों में सबसे निचले स्तर तक गिरावट की वजह से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के इतिहास में सबसे बड़े सैन्य परिवर्तन की जापान की योजनाओं को पूरी तरह से धराशायी कर दिया है।
जापान की मुद्रा संबंधी समस्या, एक महत्वपूर्ण समय में सामने आई है।
पार्सटुडे के अनुसार, अब डॉलर के मुकाबले येन की क़ीमत में गिरावट की वजह से जापान के लिए हेलीकॉप्टर, पनडुब्बी और टैंक सहित सैन्य उपकरणों के आयात की लागत में भारी वृद्धि हुई है जिनमें से अधिकांश उपकरण अमेरिकी हैं।
2022 में, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) ने एक नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का एलान किया जिसकी वजह से रक्षा बजट के लिए आवंटित धन की मात्रा को दोगुना से अधिक हो जाती है।
पांच वर्षों में 43 ट्रिलियन येन (¥) का बजट, जो उस समय लगभग 319 बिलियन डॉलर के बराबर था। उस समय, किशिदा ने सैन्य ख़र्च में वृद्धि को जापान के इतिहास में एक "महत्वपूर्ण मोड़" बताया था।
लेकिन समस्या यह है कि बजट एक डॉलर की क़ीमत 108 येन पर बंद हुआ था लेकिन अब प्रत्येक डॉलर की क़ीमत 161 येन तक पहुंच गयी है।
अब, येन की क़ीमत में गिरावट की वजह से हेलीकॉप्टर, पनडुब्बी और टैंक सहित उपकरणों की लागत बहुत बढ़ गई है।
ऐतिहासिक रूप से, कमज़ोर येन ने टोयोटा मोटर जैसे बड़े जापानी निर्यातकों को अपने उत्पादों को विदेशों में सस्ता और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद की है लेकिन साथ ही इसकी वजह से आयात और भी अधिक महंगा हो जाता है।
सैन्य उपकरणों की ख़रीद के लिए सरकार का प्रयास, इस बात की निशानी है कि कैसे ये बड़ी क़ीमतें जापानी अर्थव्यवस्था पर दबाव डाल रही हैं।
पिछले तीन वर्षों में येन की क़ीमत में गिरावट की वजह से जापान में भोजन और ईंधन जैसी बुनियादी वस्तुओं की कीमत में वृद्धि हुई है जिससे घरेलू ख़र्चे भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस वर्ष डॉलर के मुकाबले येन की क़ीमत में पिछले चार दशकों में सबसे निचले स्तर तक गिरावट की वजह से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के इतिहास में सबसे बड़े सैन्य परिवर्तन की जापान की योजनाओं को पूरी तरह से धराशायी कर दिया है।
जापान की सरकार ने विमान ऑर्डर में कटौती कर दी है और अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आगे भी कटौती की संभावना है।
जापान ने अपने अधिकांश सैन्य उपकरण अमेरिकी कंपनियों से डॉलर में खरीदे हैं। येन की क़ीमत में गिरावट की वजह से सरकार की ख़रीद की ताक़त बहुत कम हो गई है।
जापान के पूर्व रक्षामंत्री सातोशी मोरिमोटो (Satoshi Morimoto) ने एक साक्षात्कार में कहा: वर्तमान समय में रक्षा क्षमताओं के संदर्भ में हमारे पास क्या है और हमारा मुख्य लक्ष्य क्या है, इसके बीच काफ़ी अंतर पाया जाता है। मोरिमोटो ने इस साक्षात्कार में कहा कि जापान के रक्षा बजट का मूल्य पांच वर्षों में प्रभावी रूप से 30 प्रतिशत कम हो गया है।
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