Jul २४, २०१६ १३:०३ Asia/Kolkata
  • 24 जनवरी 2016 की इस तस्वीर में यूनान के कस्टनीज़ क़स्बे में शरणार्थियों के समर्थन में आयोजित प्रदर्शन में भाग लेते आम लोग
    24 जनवरी 2016 की इस तस्वीर में यूनान के कस्टनीज़ क़स्बे में शरणार्थियों के समर्थन में आयोजित प्रदर्शन में भाग लेते आम लोग

उत्तरी यूनान में शरणार्थियों के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस ने आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड से हमला किया।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रदर्शन शनिवार को उत्तरी यूनान के कस्टनीज़ क़स्बे में हुए। जहां लोग शरणार्थियों के लिए सीमा खोलने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन करने वालों का संबंध शरणार्थियों के समर्थन में बने ‘नो बोर्डर कैंप’ गुट से था। यूनान में सरकार की शरणार्थियों के ख़िलाफ़ नीति से आक्रोशित लोग पुलिस के घेरे से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। वे सीमा खोलो जैसे नारे लगा रहे थे और उनके हाथ में ऐसे प्लेकार्ड थे जिन पर लिखा था, ‘सीमा से आगे’।

 

उत्तरी अफ़्रीक़ा और मध्यपूर्व में तनाव के कारण जान बचाने के लिए यूरोपीय संघ के देशों में शरण लेने की कोशिश करने वालों के लिए, यूनान और इटली को प्रवेश द्वार समझा जाता है।

 

संयुक्त राष्ट्र संघ के आंकड़े के अनुसार, 2015 में समुद्र मार्ग से यूरोप शरण के लिए पहुंचने वालों की संख्या 13 लाख थी जबकि इस साल यह संख्या अब तक 238000 तक पहुंच गयी है।

 

मार्च 2016 में तुर्की और यूरोपीय संघ के बीच, अनियमित शरणार्थियों को तुर्की भेजने का समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत 20 मार्च के बाद यूनान के द्वीप पहुंचने वालों को तुर्की प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा मगर यह कि यूनान में शरण के लिए उनका आवेदन स्वीकार कर लिया जाए। (MAQ/N)

 

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