आज़रबाइजान गणराज्य में सुरक्षा बल के साथ एक वहाबी गुट की झड़प
आज़रबाइजान गणराज्य में सुरक्षा बल के साथ एक वहाबी गुट की झड़प
आज़रबाइजान गणराज्य में सुरक्षा बल ने एक वहाबी गुट से झड़प होने और इस गुट के कई सदस्यों के मारे जाने की सूचना दी। आज़रबाइजान गणराज्य की सरकारी सुरक्षा एजेंसी की वेबसाइट के अनुसार, यह झड़प पथभ्रष्ट वहाबी पंथ से जुड़े एक चरमपंथी गुट के साथ हुयी, जिसका नाम जमाअते क़फ़क़ाज़ अर्थात कॉकेशिया गुट है।
जांच से पता चला कि इस गुट के वहाबी सदस्यों ने विदेश में सक्रिय आतंकवादी गुट के प्रतिनिधियों से गुप्त रूप से इंटरनेट के ज़रिए आदेश हासिल किया और जमाअते क़फ़क़ाज़ नामक गुट का गठन किया।
यह पहली बार नहीं है जब आज़रबाइजान गणराज्य के विभिन्न शहरों में सरकारी फ़ोर्सेज़ और वहाबी छापामार संगठनों के बीच झड़प हुयी है। इससे पहले बाकू, क़बा, गंजे और सूमक़ाइत सहित दूसरे ज़िलों में भी इस तरह की झड़पें हो चुकी हैं।
इस बात का उल्लेख भी ज़रूरी है कि पिछले कुछ साल के दौरान आज़रबाइजान के सरकारी तंत्रों ने पथभ्रष्ट वहाबी पंत के ख़िलाफ़ कम गंभीरता दिखाई है। यह ऐसी हालत में है कि वहाबियत एक आयातित गुट है, जिसकी फ़ार्स खाड़ी के कुछ रूढ़ीवादी देश वित्तीय, राजनैतिक और सैन्य मदद कर रहे हैं।
आज़रबाइजान के कुछ पर्यवेक्षकों का मानना है कि पिछले कुछ साल में आज़रबाइजान गणराज्य में सऊदी राजशाही की पैठ के कारण बाकू वहाबी पंथ के समर्थकों से निपटने में गंभीर नहीं रहा है। इन विशेषज्ञों का मानना है कि वहाबियत क्षेत्र के सभी देशों ख़ास तौर पर आज़रबाइजान गणराज्य के लिए गंभीर ख़तरा है।
वास्तव में मध्य एशिया और कॉकेशिया क्षेत्रों की सुरक्षा इन क्षेत्रों से वहाबियों और इसकी सैन्य शाखा अर्थात आतंकवादी गुट दाइश के सफ़ाए पर निर्भर है।
इस बात में भी शक नहीं कि पथभ्रष्ट वहाबी पंथ का लक्ष्य ईरान और रूस को क्षति पहुंचाना भी है। आज़रबाइजान गणराज्य की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गयी जांच से पता चला है कि इस पथभ्रष्ट गुट के सदस्य देश के भीतर और इसी प्रकार क्षेत्रीय देशों में अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए हथियार व गोला बारूद हासिल करने के प्रयास में रहे हैं। (MAQ/T)