सलफ़ियों की मस्जिदें बंद होनी चाहिए, जर्मन वाइस चांसलर
(last modified Sun, 08 Jan 2017 07:19:10 GMT )
Jan ०८, २०१७ १२:४९ Asia/Kolkata
  • 21 दिसंबर 2016 की इस तस्वीर में बर्लिन के क्रिसमस बाज़ार के निकट ज़मीन पर पड़ा क्रिसमस ट्री और कूड़ा नज़र आ रहा है जहां एक ट्रक भीड़ पर चढ़ गया था
    21 दिसंबर 2016 की इस तस्वीर में बर्लिन के क्रिसमस बाज़ार के निकट ज़मीन पर पड़ा क्रिसमस ट्री और कूड़ा नज़र आ रहा है जहां एक ट्रक भीड़ पर चढ़ गया था

जर्मन वाइस चांसलर सिगमार गैब्रिएल ने कहा है कि देश में सलफ़ियों की मस्जिदें बंद हों और उनके गुटों को तितर-बितर कर दिया जाए।

रशिया टुडे के अनुसार, सिगमार गैब्रिएल ने शनिवार को जर्मन पत्रिका श्पिगल से इंटर्व्यू में कहा, “सलफ़ी मस्जिदें बंद हों, इनके गुटों को तितर-बितर और प्रचारकों को निकाल दिया जाए। जितनी जल्दी मुमकिन हो।”

उन्होंने बर्लिन में क्रिसमस बाज़ार पर ट्रक से हमला करने वाले और एक सलफ़ी प्रचारक के बीच संबंध के मामले के सामने आने पर यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि सलफ़ीवाद को ज़रा भी सहन न किया जाए जो पिछले कुछ साल के दौरान सऊदी अरब के समर्थन से जर्मनी में फैल रही है।

सलफ़ीवाद की कभी कभी वहाबियत से तुलना की जाती है जो सऊदी अरब में फैली हुयी एक चरमपंथी विचारधारा है और इस देश में खुले आम इसका प्रचार होता है।

जर्मन वाइस चांसलर सिगमार गैब्रिएल 13 दिसंबर 2016 को बर्लिन में जर्मन-फ़्रेंच डिजिटल कॉन्फ़्रेंस के दौरान भाषण देते हुए

 

तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश भी वहाबियत की विचारधारा को मानता है। इस गुट ने पिछले साल फ़्रांस की राजधानी पेरिस में घातक आतंकी हमला किया था।

16 दिसंबर 2016 को ट्यूनीशिया के अनीस अमरी ने एक ट्रक का अपचालन किया और उसे बर्लिन में भीड़ से भरे एक क्रिसमस बाज़ार में लोगों पर चढ़ा दिया। इस आतंकी हमले में 12 लोग हताहत हुए। 24 साल का अनीस अमरी बाद में 23 दिसंबर को मिलान के निकट इतालवी पुलिस के साथ फ़ायरिंग में मारा गया। (MAQ/N)

 

 

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