राजनैतिक व्यवस्था में परिवर्तन पर अफ़ग़ान विदेशमंत्री का बल
(last modified Thu, 18 May 2017 10:58:11 GMT )
May १८, २०१७ १६:२८ Asia/Kolkata

अफ़ग़ानिस्तान के विदेशमंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने देश की राजनैतिक व्यवस्था को राष्ट्रपति व्यवस्था से संसदीय व्यवस्था में परिवर्तित करने की मांग की है।

उन्होंने काबुल में एक बैठक में कहा कि वर्तमान समय में अफ़ग़ानिस्तान में राजनैतिक व्यवस्था को बदल देना चाहिए। उनका कहना था कि संविधान को बदल कर देश की राजनैतिक व्यवस्था को राष्ट्रपति व्यवस्था से संसदीय व्यवस्था में बदल देना चाहिए क्योंकि वर्तमान व्यवस्था जनता की मांगों का उत्तर देने में अक्षम हे।

श्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने इस बात पर बल देते हुए कि केवल संसदीय व्यवस्था ही शक्ति को न्यायपूर्ण ढंग से विभाजित कर सकती है। उनका कहना था कि अफ़ग़ानिस्तान में जितनी जल्दी हो सके संसदीय और नगर व ग्राम परिषद के चुनाव आयोजित किए जाएं। जमीअते इस्लामी पार्टी के प्रमुख और अफ़ग़ानिस्तान के विदेशमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी देश में संसदीय व्यवस्था के लागू किए जाने का प्रयास करती रहेगी।

यह पहली बार है जब सलाहुद्दीन रब्बानी ने देश में जारी व्यवस्था के परिवर्तन की मांग की है। उन्होंने कुछ दिन पहले भी अपनी पार्टी की एक बैठक में राष्ट्रपति मुहम्मद अशरफ़ ग़नी की आलोचना करते हुए राजनैतिक व्यवस्था में परिवर्तन की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अशरफ़ ग़नी सत्ता से चिपने रहने का प्रयास कर रहे हैं।

इन परिस्थितियों में यह प्रश्न उठता है कि अफ़ग़ानिस्तान के विदेशमंत्री ने वर्तमान समय में क्यों खुलकर राष्ट्रपति का विरोध किया और देश की राजनैतिक व्यवस्था को बदलने की मांग की?

लगभग एक वर्ष पहले ही मीडिया में अशरफ़ ग़नीह और सलाहुद्दीन रब्बानी के बीच मतभेद उभर कर सामने आ गये थे। बताया जाता है कि अफ़ग़ान राष्ट्रपति ने विदेशमंत्री से पद से त्यागपत्र देने की मांग की थी। अफ़़गान मीडिया में जो बातें घूम रही हैं उसके आधार पर अफ़ग़ान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी, सलाहुद्दी रब्बानी और उनके मंत्रालय के क्रियाकलापों से प्रसन्न नहीं थे और इसीलिए उन्हें अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। (AK)

 

 

 

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