क्यों जर्मनी ने इस्राईल को न्यूक्लियर हथियार ले जाने वाली पनडुब्बी की ब्रिक्री रोकी?
जर्मनी ने ज़ायोनी शासन को पनडुब्बी की बिक्री रोक दी है।
लेबनान के अलमयादीन टीवी के अनुसार, ज़ायोनी मीडिया में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुयी है कि जर्मनी ने उस जांच के बाद इस्राईल को पनडुब्बी बेचने पर रोक लगा दी है जिस जांच में इस पनडुब्बी को बेचने के समझौते में रिश्वत लेने की संभावना जतायी गयी है।
लगभग 2 हफ़्ते पहले जर्मनी की फ़ेडरल सुरक्षा परिषद ने ज़ायोनी शासन को डॉल्फ़िन मॉडल की तीन नई पनडुब्बी बेचने के सौदे को हरी झंडी दी थी।
इस्राईल के पास अब तक डॉल्फ़िन मॉडल की 5 पनडुब्बियां हैं। ये पनडुब्बियां परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं।
हथियारों का यह सौदा ज़ायोनी शासन में बहुत बड़ा विवाद का कारण बना है और ज़ायोनी प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू पर इस संबंध में करप्शन का इल्ज़ाम लगा है।
इस्राईल में इस तरह की अनेक रिपोर्टें प्रकाशित हो चुकी हैं कि नेतनयाहू का जर्मनी के साथ डेढ अरब यूरो मूल्य की 3 पनडुब्बियों की ख़रीदारी का सौदा, नेतनयाहू के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के संदेह को बल देता है।
दूसरी ओर ज़ायोनी पार्टी “यीश अतीद” के प्रमुख यईर लबीद ने कुछ दिन पहले कहा कि यह इस्राईल की तारीख़ में सबसे बड़ा पैसों का घोटाला है क्योंकि अतिग्रहित फ़िलिस्तीन में इस्राईल के युद्ध मंत्रालय से बहुत बड़े बजट का पैसा जर्मनी में एक गुप्त खाते में ट्रान्सफ़र हुआ।
लबीद कहा कि यह पैसा तत्कालीन इस्राईली रक्षा मंत्री मूशे यालून को बताए बिना उस गुप्त खाते से नेतनयाहू के निजी वकील डेविड शूमरून के खाते में ट्रांस्फ़र हुआ। (MAQ/N)