रोहिंग्या मुसलमानों की स्वदेश वापसी में अभी समय लगेगाः राष्ट्रसंघ
संयुक्त राष्ट्र संघ में म्यांमार की विशेष दूत का कहना है कि बांग्लादेश में फंसे म्यांमार के नौ लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी में अभी समय लगेगा।
क्रिस्टीनी श्रैनर बर्गनर का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी का काम इतनी जलदी नहीं हो सकता।
क्रिस्टीनी ने रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति पर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि ये मामला इतनी जल्दी ठीक नहीं हो सकता। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के विशेष दूत ने कहा कि उन्होंने पद संभालने के बाद से म्यांमार में जटिल परिस्थितियों की एक समग्र तस्वीर का खाका खींचने के लिए कई लोगों से मुलाकातें की हैं।
संरा की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर के अनुसार दस लाख से अधिक अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार के उत्तरी राख़ीन राज्य से अपने घरों को छोड़कर भागना पड़ा था। क्रिस्टीनी ने कहा कि म्यांमार के दो दौरों के दौरान उन्होंने रोहिंग्या शरणार्थी मुद्दे पर म्यांमार की स्टेट काउंसलर, आंग सान सू की के साथ शांति सम्मेलन में भाग लिया और विशेष रूप से दक्षिणी बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में शरणार्थी शिविरों का दौरा किया है।
उल्लेखनीय है कि म्यांमार में इस देश की सेना और बौद्ध चरमपंथियों के हमलों के कारण वहां के राख़ीन प्रांत के निवारी रोहिंग्या मुसलमानों को अपनी जान बचाकर म्यांमार से भागना पड़ा था। दस लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों ने भागकर बांग्लादेश में शरण ले रखी है जहां पर वे बहुत ही दयनीय स्थिति में जीवन बिता रहे हैं।