आईएमएन के सशस्त्र व देश के लिए ख़तरा होने का कोई सुबूत नहीं, नाइजीरिया आंतरिक संकट का प्रेशर कूकर है, कभी भी फट सकता है, यूएन अधिकारी ऐग्नेस कैलमर्ड
(last modified Tue, 03 Sep 2019 11:01:02 GMT )
Sep ०३, २०१९ १६:३१ Asia/Kolkata
  • आईएमएन के सशस्त्र व देश के लिए ख़तरा होने का कोई सुबूत नहीं, नाइजीरिया आंतरिक संकट का प्रेशर कूकर है, कभी भी फट सकता है, यूएन अधिकारी ऐग्नेस कैलमर्ड

नाइजीरिया में मुसलमानों के ख़िलाफ़ प्राणघातक बल प्रयोग की संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिकारी ने कड़ाई से निंदा की है।

संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रतिविदेक ऐग्नेस कैलमर्ड ने नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन के ख़िलाफ़ अबूजा द्वारा प्राणघातक बल प्रयोग की कड़ाई से निंदा की।

ऐग्नस कैलमर्ड क़ानूनी दायरे से बाहर, जल्दबाज़ी और मनमाने तरीक़े से हत्याओं की प्रतिवेदक हैं। उन्होंने सोमवार को नाइजीरिया की राजधानी अबूजा में एक रिपोर्ट में, इस देश में इस्लामी आंदोलन के सदस्यों के ख़िलाफ़ प्राणघातक बल प्रयोग की निंदा की।

कैलमर्ड ने 2015 में नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन द्वारा ज़ारया शहर में आयोजित जुलूस पर इस देश के सैनिकों की ओर से हुए जानलेवा हमले के मामले में रिपोर्ट तय्यार की है। उन्होंने कहा कि इस जुलूस पर अत्यधिक प्राणघातक फ़ोर्स का इस्तेमाल हुआ और लोगों की जान से खेला गया।

उन्होंने कहा कि नाइजीरिया की सरकार का देश के इस्लामी आंदोलन आईएमएन को प्रतिबंधित करने का फ़ैसला, इस आंदोलन के क्रियाकलापों से ज़्यादा सरकार की उस राय से प्रभावित है जो उसने आईएमएन के बारे में बना रखी थी।

संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रतिवेदक ने कहा कि उन्हें इस बात का कोई सुबूत नहीं मिला कि जिससे आईएमएन का देश के लिए ख़तरा होना या इस आंदोलन का सशस्त्र होना साबित हो।

उन्होंने सचेत किया कि नाइजीरिया में सुरक्षा मुश्किलों से संकट पैदा हो सकता है कि जिस पर अगर ध्यान न दिया गया तो इस पूरे अफ़्रीक़ी देश में अस्थिरता फैल जाएगी।

कैलमर्ड ने कहा कि इस पश्चिमी अफ़्रीक़ी देश में पुलिस और सेना अत्यधिक प्राणघातक बल प्रयोग का सहारा ले रही है और इसके साथ ही प्रभावी जांच न होने की वजह से ग़ैर ज़िम्मेदाराना रवैया जन्म ले चुका है।

उन्होंने आगे कहाः "कुल मिलाकर जो हालात हैं वह बहुत ही चिंताजनक हैं।"  उन्होंने अंततः सचेत किया कि नाइजीरिया आंतरिक टकराव का प्रेशर कूकर बन गया है, जो किसी भी वक़्त फट सकता है।

ग़ौरतलब है कि नाइजीरिया में सेना ने 13 दिसंबर 2015 को कादूना राज्य के ज़ारया शहर में आईएमएन द्वारा आयोजित धार्मिक जुलूस पर यह इल्ज़ाम लगाकर हमला किया था कि जुलूस ने रक्षा मंत्री के कारवां को आगे बढ़ने से रोक दिया था। इस इल्ज़ाम को नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन ने कड़ाई से रद्द किया था और कहा था कि रक्षा मंत्री का कारंवा जानबूझ कर आंदोलन के सदस्यों के सामने खड़ा हो गया, ताकि इसे उन पर हमले का बहाना क़रार दे।

नाइजीरियाई सैनिकों ने उसी दिन धर्मगुरु शैख़ इब्राहीम ज़कज़की के घर पर भी हमला किया। टकराव के दौरान शैख़ ज़कज़की को भीषण यातना दी, जिसमें उनकी बाई आंख चली गयी, उनके 3 बेटों सहित 300 से ज़्यादा उनके समर्थक शहीद हुए। (MAQ/N)

 

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