नाइजर से अमेरिकियों को खदेड़ने और स्वच्छ ऊर्जा में काले महाद्वीप की छोटी हिस्सेदारी/ अफ़्रीक़ी समाचारों पर एक नज़र
(last modified Tue, 09 Jul 2024 12:04:53 GMT )
Jul ०९, २०२४ १७:३४ Asia/Kolkata
  • नाइजर से अमेरिकियों को खदेड़ने और स्वच्छ ऊर्जा में काले महाद्वीप की छोटी हिस्सेदारी/ अफ़्रीक़ी समाचारों पर एक नज़र
    नाइजर से अमेरिकियों को खदेड़ने और स्वच्छ ऊर्जा में काले महाद्वीप की छोटी हिस्सेदारी/ अफ़्रीक़ी समाचारों पर एक नज़र

पार्सटुडे- नाइजर से अमेरिकी और जर्मन सैन्य बलों की पूर्ण वापसी और स्वच्छ ऊर्जा में महाद्वीप की छोटी हिस्सेदारी, इन दिनों अफ़्रीक़ा में सबसे महत्वपूर्ण समाचारों की सुर्खियों है।

पार्सटुडे समाचार पैकेज में अफ़्रीक़ा से ताज़ा समाचारों का चयन किया गया है:

मोरक्को की इस्लामिस्ट पार्टी ने इस्राईली सरकार को बर्बर बताया

मोरक्कन इस्लामिक जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी के महासचिव अब्दुल्लाह बंकरान ने देश की राजधानी रोबात में पार्टी सचिवालय में सर्वोच्च कार्यकारी निकाय की बैठक में कहा कि इस्राईली शासन एक क्रूर, बर्बर और अस्वीकार्य सकार है जिसके साथ कोई संबंध और सहयोग उचित नहीं है।

बंकरान ने कहा: फिलिस्तीनी नागरिकों के ख़िलाफ़ ज़ायोनी शासन की कार्रवाई की वजह से तूफ़ान अल-अक़्सा ऑप्रेशन हुआ और इस शासन के विनाश का कारण बन सकता है।

ग़ज़ा पर ज़ायोनी शासन हमलों के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध और फ़िलिस्तीनी जनता की दृढ़ता पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए, मोरक्को के इस राजनेता ने कहा: वे इस्लाम के अलावा किसी और चीज़ पर राज़ी नहीं हुए और इसी इस्लामवाद के साथ, उन्होंने चमत्कार किए और इसी बात पर डटे हुए भी हैं।

अफ़्रीक़ा को वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा निवेश का केवल 2 प्रतिशत ही हासिल होता है

वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में अफ़्रीक़ा का योगदान केवल चार प्रतिशत है और  यह जलवायु परिवर्तन से असमान रूप से प्रभावित है हालांकि, इस महाद्वीप को नवीकरणीय ऊर्जा में वैश्विक निवेश का एक छोटा हिस्सा ही मिलता है।स्वच्छ ऊर्जा में वैश्विक निवेश इस वर्ष रिकॉर्ड 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।  अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने भविष्यवाणी की है कि अफ़्रीक़ा को उस राशि का केवल दो प्रतिशत प्राप्त होता है।  इस बीच, जलवायु के प्रति संवेदनशील 10 देशों में से सात अफ़्रीक़ा में स्थित हैं।

रूसी और अरब तेल की बढ़ती खरीद की वजह से अफ़्रीक़ी तेल आयात करने में बीजिंग की रुचि नहीं

रूस और अरब देशों से बढ़ते तेल आयात के अनुरूप, चीनी सरकार ने अफ़्रीक़ी देशों से इस उत्पाद का आयात कम कर दिया।

वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक कार्नेगी फाउंडेशन के अनुसार, 2010 में, सऊदी अरब के बाद अंगोला, चीन का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश था लेकिन 2023 तक अफ़्रीक़ी देश बीजिंग के तेल आपूर्तिकर्ताओं में आठवें स्थान पर आ जाएगा। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2023 के बीच चीन ने यूएई, मलेशिया, क़ज़ाक़िस्तान और कुवैत से अपना तेल आयात बढ़ाया है।

अफ़्रीक़ा में आईएसआईएस की गतिविधियां तेज़ होने की वजह

"अबआद" स्ट्रैटेजिक स्टडीज सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल और मई 2024 के दो महीनों के दौरान वहाबी आतंकवादी गुट अल-नुस्रा फ़्रंट की गतिविधियां, अफ्रीका के तटीय देशों, ख़ासकर बुर्किना फासो, माली और नाइजीरिया में बढ़ गयीं हैं।

पिछले मई के महीने में, इस आतंकवादी गुट ने माली और बुर्किना फासो की सेनाओं के ख़िलाफ 50 आतंकवादी हमलों की ज़िम्मेदारी ली थी, जबकि आईएसआईएस आतंकवादी गुट से जुड़े तत्वों ने इसी अवधि में केवल 27 आतंकवादी कार्रवाइयों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया।

पिछले वर्षों में कई सैन्य तख्तापलट के परिणामस्वरूप क्षेत्रीय सुरक्षा बलों की कमज़ोरी, अफ़्रीक़ी देशों में असुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण कारण रही है।

इन देशों में पश्चिमी ताकतों की मौजूदगी की वजह से स्थानीय निवासियों के बीच उग्रवाद फैला है और इसने अल-नुस्रा फ़्रंट और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी गुटों के विकास के लिए एक उपयुक्त प्लेटफ़ार्म प्रदान किया है।

नाइजर से अमेरिकी सैनिकों की पूर्ण वापसी, अपने अंतिम चरण में

नाइजर सरकार द्वारा अमेरिका के साथ सुरक्षा समझौते को रद्द करने के चार महीने बाद, वाशिंग्टन सरकार ने एलान किया है कि वह जल्द ही अपने सभी सैन्य बलों को देश से वापस बुला लेगा। इससे पहले, वाशिंगटन ने नाइजर से अपने सैन्य बलों की वापसी में बार-बार देरी की थी।

नाइजर में सत्तारूढ़ परिषद ने इस देश की राजधानी नियामी में वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों की तीन दिवसीय यात्रा के एक दिन बाद 2012 में वाशिंगटन के साथ हुए अपने सैन्य सहयोग समझौते को एकपक्षीय तौर रद्द कर दिया और नाइजर में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति को अवैध क़रार दे दिया और देश में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति को इस देश के हितों के विपरीत माना जाता है।

जर्मन सैन्य बलों को भी नाइजर से निकलने पर मजबूर होना पड़ा

नाइजर में जर्मन सशस्त्र बलों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए जर्मनी और नाइजर सरकार के बीच बातचीत की विफलता के बाद, जर्मन सेना 31 अगस्त तक हवाई अड्डे और जर्मन सैन्य बलों के मुख्य स्थान छोड़ देगी।

वार्ता तब नाकाब हो गयी जब नाइजर में अधिकारियों और नई सैन्य परिषद ने जर्मन सैनिकों को सुरक्षा छूट देने से इनकार कर दिया। जर्मन सेना 2013 से इस बेस का उपयोग नाइजर और माली में अपने सैन्य बलों के लिए सहायता केंद्र के रूप में कर रही है।

नाइजर की नई सैन्य परिषद ने जुलाई 2023 में सत्ता संभाली और पहले फ़्रांस और अमेरिका के साथ सुरक्षा समझौतों को रद्द कर दिया, जिसके कारण नाइजर से अमेरिकी और फ्रांसीसी सैन्य बलों की पूर्ण वापसी हुई।

कीवर्ड्ज़: अफ़्रीक़ा की ताज़ा घटनाएं और सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम, नाइजर से जर्मन और अमेरिकी सेना की वापसी, अफ़्रीक़ा में अल-नुस्रा फ्रंट का विस्तार, फ़िलिस्तीनी जनता को मोरक्को की इस्लामी पार्टी का समर्थन (AK)

 

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