आर्मीनिया ने आज़रबाइजान के साथ किया पीड़ादायक समझौता, कराबाख़ में तैनात होगी रूस और तुर्की की शांति सेना...कराबाख़ के लोगों में समझौते के ख़िलाफ़ आक्रोश
रूस ने एलान किया है कि राष्ट्रपति व्लादमीर पुतीन, उनके आज़रबाइजानी समकक्ष इलहाम अलीएफ़ और आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशीनियान ने कराबाख़ में संघर्ष विराम के लिए संयुक्त एलान पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि दस नवंबर की आधी रात से संघर्ष विराम लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि समझौते में यह तय किया गया है कि आज़रबाइजान और आर्मीनिया की सेनाएं इस समय जहां पर हैं वहीं रुक जाएंगी जबकि कराबाख़ के अंदर और उससे मिलने वाले आर्मीनिया की सीमवर्ती पट्टी पर शांति सेना तैनात होगी।
इससे पहले आर्मीनिया के प्रधानमंत्री पाशीनियान ने एलान किया है कि हमने पीड़ादायक संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि जंग रुक जाए और आने वाले दिनों में हम इस बारे में राष्ट्र को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस समझौते की बातें इतनी पीड़ादायक हैं कि उन्हें बयान नहीं किया जा सकता मगर सामरिक स्थिति के गहरे विशलेषण और जानकारों के मूल्यांकन के आधार पर मैंने यह फ़ैसला किया है। आर्मीनियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझौता इस संतुष्टि के बाद किया गया है कि इससे बेहतर कोई समाधान संभव नहीं है।
आज़रबाइजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीएफ़ ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि छह हफ़्ते की जंग के बाद जिस समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं वह आर्मीनिया की शिकस्त और हथियार डाल देने का दस्तावेज़ है।
अलीएफ़ ने कहा कि हमने आर्मीनिया के प्रधानमंत्री को इस समझौते पर हस्ताक्षर करने और हार स्वीकार करने पर मजबूर कर दिया।
अलीएफ़ ने कहा कि नागोर्नो कराबाख़ में शांति प्रक्रिया में तुर्की की सेना भी शामिल रहेगी।
दूसरी ओर आर्मीनिया के प्रधानमंत्री के संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा के फ़ौरन बाद कराबाख़ में लोग आक्रोशित हो गए और स्थानीय प्रशासन के मुख्यालय पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया और बहुत सी खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए।
गत 27 सितम्बर को कराबाख़ के मसले पर आज़रबाइजान और आर्मीनिया के बीच झड़पें शुरू हो गई थीं जिनमें अब तक हज़ारों लोग हताहत और घायल हो गए।
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