अमरीका के दबाव में 5000 तालेबान को आज़ाद कियाः अशरफ़ ग़नी
(last modified Thu, 04 Mar 2021 17:35:55 GMT )
Mar ०४, २०२१ २३:०५ Asia/Kolkata
  • अमरीका के दबाव में 5000 तालेबान को आज़ाद कियाः अशरफ़ ग़नी

अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा है कि वे किसी भी स्थिति में जेलों के बंद तालेबान को आज़ाद करने के पक्ष में नहीं थे।

अशरफ़ ग़नी ने यह बात स्वीकार की है कि उन्होंने अपनी मर्ज़ी से नहीं बल्कि अमरीका के दबाव में आकर तालेबान बंदियों को आज़ाद किया।

अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने "न्यूयार्कर" से बात करते हुए बताया कि वे तालेबान की स्वतंत्रता के हित में नहीं थे।  उन्होंने कहा कि पिछले साल मैंने पांच हज़ार तालेबान की आज़ादी का जो आदेश दिया था वह स्वेच्छा से नहीं था बल्कि यह काम मैंने बहुत दबाव में किया था।  अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि हज़ारों तालेबान को जेल से स्वतंत्र करने के लिए मुझपर अमरीका का बहुत दबाव था और उसी दबाव में आकर मैंने यह आदेश दिया था।

अफ़ग़ानिस्तान के बहुत से अधिकारी इस देश के राष्ट्रपति के उस आदेश से बहुत आहत हैं जिसके अन्तर्गत जेलों में बंद 5000 तालेबान को आज़ाद किया गया।  इन अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ समय से अफ़ग़ानिस्तान में जो अशांति एवं हिंसा फैल रही है उसके लिए तालेबान ही ज़िम्मेदार हैं।  अफ़ग़ानिस्तान के उप राष्ट्रपति तो पहले ही कह चुके हैं कि जिन तालेबान को जेलों से आज़ाद किया गया था वे फिर युद्ध के मैदान में सक्रिय हो गए हैं।

ज्ञात रहे कि ताेलबान और अमरीका के बीच होने वाले समझौते के आधार पर अफ़ग़ानिस्तान की सरकार को जेलों में बंद 5000 से अधिक तालेबान के सदस्यों को आज़ाद करना था।  इन तालेबन में है 400 तालेबान बहुत ही ख़तरनाक हैं।  बंदी तालेबान की आज़ादी से पहले तालेबान नेताओं ने वादा किया था कि जेलों से स्वतंत्र होने वाले उनके सदस्य, सरकारी बलों के साथ किसी भी प्रकार का युद्ध नहीं करेंगे।

टैग्स