अमरीका में बढ़ता नस्ली भेदभाव और हिंसक कट्टरपंथ
(last modified Fri, 19 Mar 2021 17:38:08 GMT )
Mar १९, २०२१ २३:०८ Asia/Kolkata
  • अमरीका में बढ़ता नस्ली भेदभाव और हिंसक कट्टरपंथ

अमरीका के खुफिया अधिकारियों ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि हिंसक कट्टरपंथ तथा नस्ली भेदभाव से देश को खतरा बहुत बढ़ गया है।

अमरीका के अटलांटा शहर में की गई गोलीबारी के विरोध में शुक्रवार को नस्वलवा विरोधी प्रदर्शन किये गए जिसमें 8 लोग मारे गए थे।

प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे कि अश्वेतों पर हमले बंद किये जाएं।  प्रदर्शनकारी जो प्लेकार्ड्स अपने हाथों में लिए हुए थे उनपर लिखा था, अगर न्याय नहीं तो फिर शांति नहीं।  प्रदर्शन करने वालों ने हमले के स्थान पर जमा होकर वहां पर फूल चढ़ाए।  मंगलवार को अटलांटा में हुई गोलीबारी का ज़िम्मेदार, 21 वर्ष का एक युवा है।  पुलिस का कहना है कि गोलीबारी की घटना में नस्लभेदी सोच की संभावना को रद्द नहीं किया जा सकता।  सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अमरीका के कुछ क्षेत्रों में एशियन मूल के नागरिकों के विरुद्ध भी हिंसक घटनाओं में वृद्धि देखी गई है।

इसी बीच अमरीका के खुफिया अधिकारियों ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि हिंसक कट्टरपंथ तथा नस्ली भेदभाव से देश को खतरा बढ़ गया है।  यह रिपोर्ट अमेरिकी संसद भवन पर हिंसक भीड़ के हमले की पृष्ठभूमि में तैयार की गई है। अमेरिकी संसद भवन पर हमले से संयुक्त राज्य अमरीका में घरेलू कट्टरपंथ से उपजा खतरा पूरी दुनिया में सबके सामने आ चुका है। खुफिया अधिकारियों ने रिपोर्ट में कहा है कि हिंसा को अंजाम देने में सक्षम कट्टरपंथी, विभिन्न तरह की विचारधाराओं से प्रेरित हैं। इसमें कहा गया कि सबसे अधिक खतरा नस्लवाद प्रेरित हिंसक कट्टरपंथियों से है जो अमेरिका के नागरिकों पर सामूहिक हमलों को अंजाम दे सकते हैं।

खुफिया अधिकारियों की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि श्वेतों को श्रेष्ठ मानने की विचारधारा से प्रेरित कई लोग, समान विचारधारा वाले लोगों से मिलने अन्य देशों में भी गए हैं।  एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा था कि अमरीका में घरेलू हिंसक कट्टरपंथ के कारण खतरा बढ़ रहा है।  खुफिया अधिकारियों की इस रिपोर्ट में कही गई कई बातें, एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे सहित अन्य अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दी गई चेतावनियों के समान हैं।

याद रहे कि अमेरिकी संसद भवन पर हमले की घटना के कुछ हफ्तों बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुफिया अधिकारियों को यह पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी थी कि देश में समस्याएं कितनी गहरी हैं। खतरे के आकलन पर आधारित यह ब्यौरा, बुधवार को सार्वजनिक किया गया। यह पूरी रिपोर्ट व्हाइट हाउस और कांग्रेस में भी पेश की गई।

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