विदेशी सैनिकों के साथ सहयोग करने वाले हैं बहुत परेशान, जान को है ख़तरा, लगाई गुहार, कौन थामेगा उनका हाथ...वीडियो रिपोर्ट
(last modified Mon, 07 Jun 2021 12:33:07 GMT )
Jun ०७, २०२१ १८:०३ Asia/Kolkata

आजकल वह अफ़ग़ान नागरिक बहुत ज़्यादा परेशान हैं जो अपने देश में विदेशी सैनिकों की छावनियों या दूतावास के बंद होने के अफ़ग़ानिस्तान से निकलना चाहते हैं।

 यह लोग अनुवादक, सुरक्षाकर्मी और यह लोगों हैं जिन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में नैटो की 20 वर्षीय उपस्थिति के दौरान उनके लिए काम किया।  जिन लोगों ने विदेशियों के साथ काम किया है उनकी जान को बहुत ज़्यादा ख़तरा है। इन लोगों को इस बात की चिंता है कि विदेशी सैनिकों के साथ काम करने की वजह से उन्हें तालेबान की ओर से कड़ी सज़ा दी जा सकती है, इन लोगों का कहना है कि उनकी ज़िदगी ख़तरे में है और विदेशी सैनिकों को उनको अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।

जिसने भी अमरीका के साथ काम किया है उसका जीवन ख़तरे में है, उसे भी अमरीकी सैनिकों के साथ अफ़ग़ानिस्तान छोड़ देना चाहिए। हाल ही में तालेबान ने एक बयान जारी किया है और अनुवादकों और सुरक्षाकर्मियों को धोखा खाए हुए लोग क़रा दिया है और कहा कि तालेबान की ओर से इन लोगों को कोई ख़तरा नहीं है और यह लोग अपने अतीत के किए पर पछतावा करके देश में अपने सामान्य जीवन को जारी रख सकते हैं और देश की सेवा कर सकते हैं, हाल ही में तालेबान ने कई संदेश जारी किए हैं और कहा है कि कूटनयिक स्थलों और मानवाधिकार केन्द्रों पर हमले नहीं किए जाएंगे, हालिया हफ़्तों के दौरान तथा अफ़ग़ानिस्तान से विदेशी सैनिकों के निकलने के साथ ही तालेबान और अफ़ग़ान सरकार के बीच झड़पों का नया सिलसिला शुरू हुआ है, इस तरह से कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिदिन ही तालेबान और सरकार के बीच झड़पें हो रही हैं। 

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