Dec २८, २०१६ १५:१० Asia/Kolkata

1600, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापनी हुई।

1781, अमरीका में पहले बैंक, बैंक ऑफ़ नॉर्थ अमरीका स्थापना हुई।

1802, मराठा शासक पेशवा बाजीराव द्वितीय अंग्रेजों के संरक्षण में चले गए।

1929, महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने लाहौर में पूर्ण स्वराज्य के लिए आंदोलन शुरू किया।

1944, द्वितीय विश्व युद्ध में हंगरी ने जर्मनी के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा की।

1983, ब्रुनेई को ब्रिटेन से आजादी मिली।

1984, राजीव गांधी भारत के सातवें प्रधानमंत्री बने।

1988, परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले रोकने के लिए भारत और पाकिस्तान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जो 27 जनवरी 1991 से प्रभावी हुआ।

1999, इंडियन एयरलाइंस के विमान 814 का अपहरण कर अफ़ग़ानिस्तान के क़ंधार हवाई अड्डे ले जाया गया। 7 दिन के बाद भारतीय जेल में बंद कुछ चरमपंथियों की रिहाई के साथ यह बंधक संकट टला।

2004, अर्जेन्टीना की राजधानी ब्यूनर्स आयर्स के एक नाइट क्लब में आग लगने से 175 लोगों की मौत हो गई।

2014, चीन के शंघाई शहर में नए साल की पूर्व संध्या पर मची भगदड़ में कम से कम 36 लोग मारे गए और 49 अन्य घायल हो गए।

 

31 दिसम्बर सन 1514 ईसवी को बेल्जियम के प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक वोज़ैलियस का ब्रसेल्ज़ में जन्म हुआ। उन्होंने शरीर के विभिन्न अंगों की गतिविधियों को पहचानने के लिए व्यापक अध्ययन और शोधकार्य किया। मानव शरीर का कारख़ाना नाम से उन्होंने इसी विषय से संबंधित पुस्तक लिखी।

31 दिसम्बर सन 1827 ईसवी को माचिस का आविष्कार हुआ। इसे ब्रिटेन के अविष्कारक जान वाकर ने बनाया था किंतु उनके द्वारा बनाई गई माचिस बड़ी कठिनाई से जलती थी और प्रयोग करने के लिए इससे अनेक ख़तरे थे इसी कारण माचिस को बेहतर स्थिति में लाने के लिए व्यापक प्रयास किए गए। यहां तक कि 1855 में स्वीडन के ट्यूबकर ने दो रासायनिक पदार्थों के मिश्रण से वर्तमान समय में प्रयोग की जा रही माचिस बनाई।

 

31 दिसंबर वर्ष 1691 को आयरलैंड के प्रसिद्ध रसायनशास्त्री और भौतिक शास्त्री राबर्ट बोयल का निधन हुआ। उनका जन्म 1627 ईसवी में हुआ था। उनका पालन पोषण ब्रिटेन के प्रसिद्ध भौतिक शास्त्री कैंट क्रेक ने किया और उन्हीं के नेतृत्व में उन्होंने शिक्षा प्राप्त करना आरंभ किया और बहुत शीघ्र ही उन्होंने भौतिक विज्ञान के मैदान में दक्षता प्राप्त कर ली। बोयल ने गैस के घनत्व के क़ानून को निर्धारित किया और बाद में इस क़ानून का नाम उनके नाम पर पड़ गया। उन्होंने इसी प्रकार रसायन विज्ञान के मैदान के शोध के लिए परीक्षण केन्द्र की स्थापना की और जवलंन प्रक्रिया में आक्सीजन गैस की भूमिका का पता लगाया।

 

31 दिसम्बर वर्ष 1875 ईसवी को डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेग में पूर्वी मामलों के विशेषज्ञ आर्थर क्रिस्टीनसिन का जन्म हुआ। वह पढ़ाई के दौरान पूरब विशेषकर ईरान के इतिहास में रुचि रखने लगे और उसके बाद उन्होंने ईरान के साहित्य व इतिहास के बारे में शोध आरंभ किया । वे फ़ारसी भाषा में भी निपुण थे। “सासानी काल में ईरान” उनकी महत्त्वपूर्ण पुस्तकों में है। वर्ष 1945 में उनका निधन हो गया।

 

31 दिसंबर वर्ष 1999 ईसवी को रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येलत्सीन ने त्यागपत्र दे दिया और विलादमीर पुतीन उनके उतराधिकारी बने। येलत्सीन कुछ समय तक कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव भी रहे और सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति गोर्बाचोफ़ की नीतियों में सुधार के इच्छुक थे। इसीलिए गोर्बाचौफ़ ने वर्ष 1987 में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया । येलत्सीन जून वर्ष 1991 में रूस के राष्ट्रपति चुने गये। उन्हें पश्चिम का भरपूर समर्थन प्राप्त था और वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद वे राष्ट्रपति पद पर बने रहे और उन्हें आशा थी कि पश्चिम की वित्तीय सहायता से वह रूस के आर्थिक संकट को दूर कर सकते हैं किन्तु पश्चिमी सरकारों ने अपने वचनों का पालन नहीं किया और येलत्सीन की नीति अंततः विफल हो गयी। स्वाधीन चेचेन्या पर आक्रमण और वर्ष 1994 में उसका अतिग्रहण येलत्सीन के शासन काल की घटनाएं हैं।

 

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10 देय सन 1290 हिजरी शम्सी को ईरान के परिश्रमी धर्मगुरु मिर्ज़ा अली आग़ा सिक़तुल इस्लाम तबरेज़ी को रुस की अतिक्रमणकारी सेना ने शहीद कर दिया। वे ईरान के उत्तर पश्चिमी प्रांत तबरेज़ के स्वतंत्रता संग्रामियों में थे। उन्होंने रुस के अतिक्रमण के विरुद्द सदा संघर्ष किया और रुस के अतिक्रमण का मुक़ाबला करने के लिए लोगों को प्रेरित किया। रुसी सैनिकों ने, सिक़तुल इस्लाम को गिरफ़तार किया और उन्हें तथा उनके कई दूसरे साथियों को फॉसी दे दी।

 

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4 जमादिउल औवल सन 1371 हिजरी क़मरी को प्रसिद्ध मुसलमान धर्मगुरु हैदर कुली ख़ान अफ़ग़ानी का निधन हुआ। वे सरदारे काबुली के नाम से प्रसिद्ध हुए। उन्होंने गणित खगोल शास्त्र भूगोल विज्ञान दर्शनशास्त्र तर्कशस्त्र और अरबी साहित्य जैसे विषयों का व्यापक ज्ञान प्राप्त किया। उन्हें पैग़म्बरे इस्लाम और उनके परिजनों से गहरा स्नेह और श्रद्धा थी। उन्होंने इस विषय में पुस्तकें भी लिखीं जिनमें मुनाज़ेरात नामक पुस्तक की ओर संकेत किया जा सकता है।

 

 

4 जमादिल औवल सन 555 हिजरी क़मरी को सुविख्यात इतिहासकार और साहित्यकार इब्ने असीर जज़्री इराक़ में पैदा हुए। इब्ने असीर ने मूसिल, सीरिया और बग़दाद में ख़तीबे तूसी जैसे महान धर्मगुरुओं से ज्ञान प्राप्त किया। उन्हें इतिहास के अध्ययन और शोध कार्य में गहरी रुचि थी इस लिए उन्होंने अधिकतर इतिहास के विषय में पुस्तकें लिखी हैं। इब्ने असीर जज़्री का निधन सन 630 हिजरी क़मरी में इराक़ के मूसिल नगर में हुआ।

 

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