Feb २५, २०१७ १६:२५ Asia/Kolkata

हुरमुज़गान प्रांत में रूदे शूर, रूदे शीरीन और मीनाब नामक वेटलैंड अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड की सूचि में शामिल हैं।

रामसर अन्तर्राष्ट्रीय कन्वेंशन में पंजीकृत पांच आर्द्रभूमियों में से 3, हुरमुज़गान में स्थित हैं।  फ़ार्स की खाड़ी, ईरान के दक्षिण में स्थित है जिसके तटपर कई देश बसे हुए हैं।  इसका क्षेत्रफल 237473 वर्ग किलोमीटर है।  फ़ार्स की खाड़ी, विश्व की तीसरी सबसे बड़ी खाड़ी है।  मैक्सिको और हैडसन खाड़ियों के बाद फ़ार्स की खाड़ी का ही नंबर आता है।  इसकी प्राकृतिक सुन्दरता देखने योग्य है।  फ़ार्स की खाड़ी के भीतर तेल और गैस के भण्डारों के भण्डार हैं।  तेल और गैस के स्वामी होने तथा अपने तटवर्ती देशों से तेल भेजे जाने वाले मार्ग पर स्थित होने के कारण फ़ार्स की खाड़ी को विश्व का अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं स्ट्रैटेजिक क्षेत्र माना जाता है।  प्रकृतिक के सुन्दर दृश्यों के अतिरिक्त इसके भीतर और किनारे कई प्रकार के जीव-जंतु पाए जाते हैं।  इस जलमार्ग में जलयात्रा का इतिहास बहुत पुराना है।  फ़ार्स की खाड़ी के तटापर पाई जाने वाली बालू ने उसकी सुन्दरता में चार चांद लगा दिये हैं।

Image Caption

 

 

ईरान के दक्षिणी क्षेत्र में पाई जाने वाली इस सुन्दरता के साथ ही हम वहां पर आर्द्रभूमियों जैसी प्राकृतिक सुन्दरता के साक्षी हैं।  इन प्राकृतिक आकर्षणों में शूर, शीरीन और मीनाब नामक आर्द्रभूमियां भी सम्मिलित हैं जो हुरमुज़गान प्रांत में स्थित हैं।  रामसर कन्वेंशन में हुरमुज़गान प्रांत के जिन 5 तालाबों को पंजीकृत किया गया है उनके नाम इस प्रकार हैं।  जज़ीरे शीदूर, ख़ूरख़ूरान, दहाने रूदख़ाने गेज़ व हेरा, दहाने रूदख़ानेहाइए शूर, शीरीन व मीनाब।  यह आर्द्रभूमियां, बंदर अब्बास से लगभग 10 से 70 किलोमीटर पूरब में हुरमुज़गान प्रांत के उत्तरी तट पर स्थित हैं जिनका क्षेत्रफल 45000 हेक्टर है।

 

रूदे शूर, शीरीन और मीनाब नामक अन्तर्राष्ट्रीय वेटलैण्डस, के किनारे हरे-भरे सदाबहार जंगल पाए जाते हैं।  इनके बीच छह नदियां मौजूद हैं शूर, जलाई, शीरीन, तियाब, मीनाब और ज़रानी।  इन आर्द्रभूमियों में सदबहार जंगल की भरमार है।  इनमें से तीन नदियों शूर, शीरीन और मीनाब के मुहानों को रामसर संधि के अन्तर्गत 1976 में पंजीकृत किया जा चुका है।

Image Caption

 

शूर, शीरीन और मीनाब के मुहाने पर एक ऐसा वेटलैण्ड बन गया है जो हुरमुज़ जलडमूरू मध्य के उत्तरी तट से 70 किलोमीटर के क्षेत्रफल में ज़रानी नदी तक फैला हुआ है।  वर्ष के अधिकांश महीनों में इन आर्द्रभूमियों का जल लगभग सूख सा जाता है किंतु जाड़े के मौसम में होने वाली वर्षा के बाद यहां पर बाढ आ जाती है।  यहां की जलवायु लगभग गर्म है।  गर्मियों में यहां का तापमान 45 डिग्री सेंटीग्रेट तक रहता है।  इस क्षेत्र में वर्षा 100 से 300 मिलीमीटर होती है।  यहां पर वर्षा सामान्यतः नवंबर से मार्च के बीच होती है।

 

इन नदियों के मुहानों और इनके किनारे पर सदाबहार जंगलों के साथ ही और भी बहुत से प्राकृतिक नज़ारे देखने को मिलते हैं।  यहां पर ज्वारभाटा भी देखा जा सकता है।  नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में जो हरे-भरे पेड़ हैं उनके अतिरिक्त वहां पर जड़ी-बूटियां भी उगी हुई हैं।

Image Caption

 

जैसाकि आप जानते हैं कि आर्द्रभूमियां या वेटलैण्ड, न केवल महत्वपूर्ण जलस्रोत होते हैं बल्कि यह पानी में रहने वाले बहुत से जीवों का शरणस्थल भी हैं।  शूर, शीरीन और मीनाब नदियों के किनारे भांति-भांति के पक्षियों का महत्वपूर्ण शरणस्थल है।  यहां पर विभिन्न जातियों के बगुले, हंस और मुरग़ाबियां पनाह लेती हैं।  बताया जाता है कि यह स्थान, बहुत से पक्षियों के अंडे देने और उन्हें सुरक्षित रखने का उपयुक्त स्थल है विशेषकर बगुलों के लिए।  इसी के साथ भौगोलिक और प्राकृतिक दृष्टि से यह स्थान, पानी में जीवन व्यतीत करने वाले प्राणियों के लिए भी अंडे-बच्चे देने का उपयुक्त स्थल माना जाता है जिसके कारण यहां पर बड़ी संख्या में जलचर अंडे देते हैं।  इनमें से कुछ का मत्स्य उद्योग की दृष्टि से विशेष महत्व है।

Image Caption

 

अबतक यहां पर 14 प्रकार के पक्षियों की पहचान की जा चुकी है जिनमें से केवल एक ही स्थानीय पक्षी है जबकि बाक़ी सब पलायनकर्ता पक्षी हैं जो जाड़े का मौसम गुज़ारने के लिए यहां पर आते हैं।  यहां पर जो सदाबहार जंगल हैं उनमें Avicennia marina, Tamarix and Acacia, Prosopis, Ziziphus जैसे पेड़ उल्लेखनीय हैं।  इन पेड़ों के कारण जंगल बहुत ही घने दिखाई देते हैं।  यहां पर Phoenix dactylifera जाति के खजूर के पेड़ भी पाए जाते हैं।

Image Caption

 

शूर, शीरीन और मीनाब नामक नदियों के संरक्षित क्षेत्र के कारण ईरान के दक्षिण में सदाबहार जंगलों का एक महत्वूपर्ण एको सिस्टम अस्तित्व में आया है।  यही कारण है कि मीनाब ज़िले के पर्यावरण विभाग की ओर से इसकी सुरक्षा की जाती है।  सदाबहार जंगलों में एक विशेष प्रकार के आकर्षण के साथ ही इनकी ओर सैलानी बहुत आकर्षित होते हैं।  इसीलिए यह पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व रखते हैं।  इस क्षेत्र में पर्यटकों के मनोरंजन में पनाह लेने वाले पक्षियों को निकट से निहारना भी सम्मिलित है।  पक्षियों रंग रूप, हमेशा से ही पक्षी को निहारने वालों को इन आर्द्रभूमियों की ओर आकर्षित करते रहे हैं।

Image Caption