Apr २३, २०१७ १६:१५ Asia/Kolkata

ईरान दुनिया के उन पांच देशों में से एक है जहां जलवायु में बड़ी विविधता है।

दुनिया में 13 प्रकार की जलवायु है और ईरान में जलवायु की 11 क़िस्में मौजूद हैं। जलवायु में तापमान, आर्द्रता, वायुमंडल के दबाव, हवा, वर्षा और अन्य घटको को देखा जाता है। ईरान में जलवायु की विविधता के कारण तालाब जैसे समृद्ध प्राकृतिक संसाधन अस्तित्व में आए। तालाबों का महत्व इस लिए बहुत अधिक है कि इनसे हवा की सफ़ाई होती रहती है, तापमान संतुलित रहता है, प्रदूषण को तालाब सोखते रहते हैं, बाढ़ की रोक थाम में भी तालाबों की भूमिका होती है, तालाबों से पानी और इंसान की ज़रूरत की दूसरी अनेक चीज़ें मिलती हैं, तालाब के कारण वनस्पतियों और जीव जंतुओं का भी विस्तार होता है।

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हमने पहले भी बताया कि ईरान में बड़ी संख्या में तालाब हैं। कहा जाता है कि तालाबों का इकोलाजिकल महत्व जंगलों से दस गुना तथा खेती की भूमि से 200 गुना ज़्यादा है। रासमर कन्वेन्शन में पेश की जाने वाली जानकारियों के अनुसार ईरान के विभिन्न भागों में 1000 से अधिक तालाब हैं। ईरान का हुरमुज़गान प्रांत इस दृष्टि से बहुत समृद्ध है और इस प्रांत में कई तालाब स्थित हैं।

हुरमुज़गान प्रांत ईरान के दक्षिणी भाग में तथा हुर्मुज़ जलडमरू मध्य के उत्तर में स्थित है। हुरमुज़ स्ट्रेट को तो विश्व ख्याति प्राप्त है इस लिए कि यह ओमान सागर और फ़ार्स खाड़ी के बीच स्थित अंतर्राष्ट्रीय महत्व वाला जलमार्ग है और इसे ईरान ही नहीं दुनिया का भी स्ट्रैटेजिक जलमार्ग माना जाता है। 70 हज़ार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुरमुज़गान प्रांत असाधारण प्राकृतिक आकर्षणों, ऐतिहासिक अवशेषों तथा समृद्ध सभ्यता वाले निवासियों से सुसज्जित है। इस प्रांत के दर्शनीय आकर्षणों में यहां के अंतर्राष्ट्रीय तालाब भी हैं। हुरमुज़गान में चार अंतर्राष्ट्रीय तालाब हैं अतः इस दृष्टि से रामसर कन्वेन्शन में हुरमुज़गान प्रांत को पहला स्थान प्राप्त हुआ। ख़ूरख़ूरान तालाब हुरमुज़गान प्रांत के इन्हीं चार तालाबों में से एक है।

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ख़ूरख़ूरान तालाब समुद्र वाले क्षेत्रों के उन तालाबों में से है जहां कभी पानी नहीं सूखता और जो वृक्षों से ढंके रहते हैं। यह तालाब एक लाख हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह तालाब फ़ार्स खाड़ी के उत्तरी तट पर स्थित है और ख़मीर बंदरगाह तथा लाफ़्त बंदरगाह के बीच फैला हुआ है। ख़ूरख़ूरान तालाब हुरमुज़गान प्रांत के केन्द्रीय शहर बंदर अब्बास के 60 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित है। यह तालाब समुद्र तल के बराबर है और यह हुरमुज़गान प्रांत का सबसे बड़ा तालाब है। इस क्षेत्र की जलवायु ऊष्ण और अर्ध ऊष्ण है। गर्मियों में यहां तापतान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है। यहां सालाना बारिश की मात्रा 100 से 300 मिलीमीटर तक है। ख़ूरख़ूरान तालाब मिट्टी के टीलों, एवीसेनिया मरीना वृक्ष के जंगलों और इंटरटिडल और दलदल के बीच में स्थित है।

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तालाबों की एक विशेषता वनस्पतियों से उनका ढंका होना है। ख़ूरख़ूरान तालाब के पास हरा के जंगल बहुत विस्तृत भूभाग में फैले हुए हैं इन जंगलों  में एवीसेनिया मरीना और एवीसेनिया नितीदा के वृक्ष हैं। इन जंगलों ने इस क्षेत्र के बड़े भूभाग को ढांप रखा है। एवीसीनिया मरीना के वृक्ष ख़ूरख़ूरान तालाब के कम गहराई वाले भागों में इसी तरह टीलों के बीच से तालाब की ओर जाने वाले रास्तों पर उगे हुए हैं। जब तालाब का पानी घटता है तो यह जंगल दिखाई देने लगते हैं इस क्षेत्र में पानी की गहराई डेढ़ मीटर से अधिक नहीं है। अतः जब फ़ार्स खाड़ी का पानी इस क्षेत्र में आता है तो एसा लगता है कि जंगल पानी में तैर रहा है और ज्वार भांटा की प्राक्रिया के तहत जब पानी नीचे उतर जाता है तो पांच छह घंटों के लिए यह जंगल बहुत स्पष्ट रूप में दिखाई देते हैं। इन जंगलों के भीतर जाने का कोई सूखा रास्ता नहीं है। पानी के भीतर से ही गुज़र कर इन जंगलों तक पहुंचा जा सकता है। इन जंगलों को देखने के लिए साथ में गाइड और नाविक का होना ज़रूरी है। इसलिए कि जंगलों के भीतर मौजूद अनेक जलमार्गों को वही लोग पहचानते हैं। तालाबों के विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में 29 प्रकार की वनस्पतियां पायी जाती हैं।

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ख़ूरख़ूरान तालाब को वर्ष 1975 में रामसर कन्वेन्शन में अंतर्राष्ट्रीय महत्व वाले तालाब के रूप में पंजीकृत किया गया। इसके बाद वाले साल में इस तालाब को संरक्षित जैव मंडल के रूप में चुना गया। जैवमंडल वह संरक्षित स्थान होते हैं जो शोधकर्ताओं को अध्ययन के दुर्लभ अवसर प्रदान करते हैं तथा टिकाऊ विकास के बारे में अध्ययन के लिए भी इनसे मदद मिलती है। जैवमंडल संरक्षण के तरीक़ों के तहत निर्धारित महत्वपूर्ण स्थान हैं जिन्हें अपूर्ण नुक़सान से बचने के लिए और तथा प्राकृतिक संसाधनों से सही उपयोग के लिए निर्धारित किया जाता है। इन क्षेत्रों की रक्षा और सही प्रयोग के संबंध में इस बात पर ध्यान रखा जाता है कि बढ़ती आबादी के साथ इन संसाधनों की ज़रूरत भी बढ़ती जाएगी। अब तक दुनिया के अनेक स्थानों को जैव मंडल के रूप में पंजीकृत किया जा चुका है और इंटरनैशनल कोआर्डिनेटिंग काउंसिल आफ़ मैन एंड बायोस्फ़ियर की उन पर निगरानी रहती है।

हरा का संरक्षित क्षेत्र जिसमें ख़ूरख़ूरान तालाब भी शामिल है ईरान के दक्षिणी तट पर स्थित है और यहां अनेक प्रकार के जलचर और पक्षी रहते हैं। फ़ार्स खाड़ी के बहुत से पक्षी अंडे देने का मौसम यहीं गुज़ारते हैं। ख़ूरख़ूरान तालाब एक अनुदाहरणीय तटीय इको सिस्टम है जहां अनेक प्राकार की मछलियां, पानी के जानवर और परिंदा तथा अन्य जीव जंतु पाए जाते हैं। यहां की मछलियों में पैंपस ट्युबर, ओटोलिथेसार्जेन्टस, पोमाडेसारजेन्टस, पेरियोफ़थालमस, सार्डिनेसलासबेल्लाऔर हिमैंचुरागेरार्डी का  नाम लिया जा सकता है। यहां दो प्रकार के कछुए भी पाए जाते हैं जिन्हें केलोनियामदास तथा इरेटमोचेलिस इम्ब्रीकेट कहा जाता है ।पहली क़िस्म के कछुए काई और जलकुंभी खाते हैं जबकि इन कछुओं के बच्चे काफ़ी सीमा तक मांसाहारी होते हैं। दूसरी क़िस्म के कछुए मछली और मूंगे खाते हैं और हरा के जंगलों में टहलते हुए दिखाई देते हैं।

ख़ूरख़ूरान तालाब स्थानीय और पलायनकर्ता पक्षियों की महत्वपूर्ण शरण स्थली है। हरा जंगलों के कारण इस क्षेत्र में भारी संख्या में पक्षी आते हैं। बगुला, पेलीकन, मुर्ग़ाबी यहां के प्रमुख पक्षी हैं। इस तालाब में अब तक 93 प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है। पलायनकर्ता पक्षी केकड़े और अन्य कीड़े मकोड़े खाने हरा के जंगल में आते हैं। मछली खाने पक्षी इन्ही पेड़ों पर अपने घोसले बना लेते हैं और वहीं से अपने शिकार पर नज़र रखते हैं। हरा के जंगलों में सबसे अधिक संख्या मकड़ियों और कीड़े मकोड़ों की है। कीड़े मकोड़ों में अनेक प्रकार के मच्छर कैटरपिलर और फ़्रुट फ्लाई आदि हैं।

ख़ूरख़ूरान तालाब की एक बड़ी उपलब्धि यह है कि इससे जलचरों तथा वनस्पतियों की रक्षा हो रही है। यह तालाब तूफ़ान से तटों को नष्ट होने से बचाता है। इस तालाब में मछली का शिकार स्थानीय लोगों की आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख हिस्सा है। हरा के जंगलों में पानी में वृक्षों का तैरते हुए दिखाई देना, बोटिंग और पलायनकर्ता पक्षियों का कौतूहल ख़ूरख़ूरान तालाब के आकर्षणों में हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं