Mar १२, २०१८ १४:१२ Asia/Kolkata

हमने तीसरी सहस्त्राब्दी के पहले दशक में ईरान में वैज्ञानिक क्षेत्र में होने वाले विकास की चर्चा की थी।

 हमने डब्लूओएस की रिपोर्ट के आधार पर अपनी बात पेश करते हुए बताया था कि ईरान में वैज्ञानिक विकास का स्तर कैसा है।  समीक्षा से पता चलता है कि उस समय ईरान में विज्ञान के क्षेत्र में विकास का स्तर प्रशंसनीय था।  इस कार्यक्रम में हम विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाली कुछ अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की रिपोर्ट के आधार पर देखेंगे कि ईरान में बाद वाले काल में वैज्ञानिक प्रगति का स्तर कैसा रहा।  जिन संस्थाओं की रिपोर्ट का हम उल्लेख करेंगे उनके नाम इस प्रकार हैं।  Social science citiation, Science citation index, Art and Humanaties. कार्यक्रम में हम यह देखने का प्रयास करेंगे कि ईरान में क्षेत्रीय देशों की तुलना में विज्ञान तथा तकनीक के क्षेत्र में विकास का स्तर कैसा है।  जिन क्षेत्रीय देशों से विकास के क्षेत्र में तुलना की जाएगी वे हैं, तुर्की, सऊदी अरब, मिस्र, पाकिस्तान और इराक़।

 

किसी भी देश में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हुए विकास को उस देश के विकास के मानदंड के रूप में देखा जाता है।  विभिन्न देश, अपने संसाधनों के आधार पर विकास कार्यक्रम बनाते हैं जिसमें वे वैज्ञानिक क्षेत्र के विकास को सर्वोपरि रखते हैं।  हालांकि किसी भी देश के विकास कार्यक्रमों में पूंजीनिवेश को विशेष महत्व प्राप्त है किंतु विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में होने वाले विकास को इससे अधिक महत्व हासिल है।  अब किसी भी देश के विकास को परखने या उसको जानने के लिए यह देखा जाता है कि उस देश में वैज्ञानिक प्रगति का स्तर कितना और कैसा है।

सन 2003 में ईरान में होने वाले वैज्ञानिक विकास की रिपोर्ट प्रकाशित हुई।  इससे पता चला कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ईरान की वैज्ञानिक स्थिति कैसी है।  इसमें ईरान में होने वाले वैज्ञानिक विकास की तुलना कुछ विकासशील देशों और कुछ क्षेत्रीय देशों से की गई ताकि सह स्पष्ट हो सके कि ईरान की प्रगति का स्तर कैसा है।  रिपोर्ट के परिणामों की जिन विकसित देशों से तुलना की गई वे हैं अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन और जापान तथा जिन विकाशील देशों से ईरान की तुलना की गई वे हैं तुर्की, पाकिस्तान, चीन, इराक़, सऊदी अरब और दक्षिणी कोरिया।  यह रिपोर्ट ईरान में विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति एवं विकास को दर्शाती है।  एससीआई की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले डेटाज़ से पता चलता है कि क्षेत्रीय देशों की तुलना में ईरान में वैज्ञानिक क्षेत्र में विकास का स्तर काफी ऊंचा है।  रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान ईरान में सऊदी अरब की तुलना में डेढ बराबर, पाकिस्तान की तुलना में साढ़े तीन बराबर, कुवैत की तुलना में 6 बराबर और इराक़ की तुलना में 30 बराबर वैज्ञानिक विकास हुआ है।  किसी भी वैज्ञानिक लेख में साइंटिफिक रेफरेंसेज़ से उसका महत्व बढ़ जाता है।  वर्तमान काल में साइंटिफिक रेफरेंस की समीक्षा को किसी देश की वैज्ञानिक प्रगति को समझने का महत्वपूर्ण मानदंड माना जाता है।  ईरान में प्रस्तुत किये जाने वाले वैज्ञानिक लेखों से भी यहां की वैज्ञानिक स्थिति को समझा जा सकता है।  ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद के लगभग 37 वर्षों में ईरान में दो लाख पैंतालिस हज़ार शोधपत्र और लेख सामने आए।  इस प्रकार से शिक्षा के क्षेत्र में ईरान में बहुत तेज़ी से विकास हुआ और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ईरान की भागीदारी बढ़कर पचास प्रतिशत हो गई। 

 

यहां पर इस बात का उल्लेख उचित है कि विज्ञान के क्षेत्र में की जाने वाली प्रगति के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने वाली संस्थाएं SCI, SSCI, Art and Humanaties विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिक विकास को प्रकाशित करती हैं।  इनकी विशेषता यह है कि वे बहुत ही विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से अपनी रिपोर्ट तैयार करती हैं जिसके कारण उनकी अन्तर्राष्ट्रीय साख है।  इन तीनों संस्थाओं में एससीआई ऐसी संस्था है जिसे आईएसआई की महत्वपूर्ण साइट कहा जाता है जो पुस्तकों के प्रकाशन की रिपोर्ट पेश करती है।  विश्व में प्रकाशित होने वाली वैज्ञानिक और तकनीक पत्रिकाओं और पुस्तकों के बारे में यह हर वर्ष अपनी रिपोर्ट देती है जिसमें विज्ञान और तकनीक से संबन्धित लगभग सभी विषय शामिल हैं।

एसएससीआई के माध्यम से प्रकाशित जानकारियां दर्शाती हैं कि सन 2003 में ईरान ने कई क्षेत्रीय देशों की तुलना में अधिक वैज्ञानिक प्रगति की है।  एसएससीआई की रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने इराक़, पाकिस्तान, कुवैत, मिस्र और सऊदी अरब की तुलना में सामान्यतः दो बराबर से अधिक वैज्ञानिक प्रगति की है।  इस प्रकार आर्ट एंड ह्यूमेनिटीज़ संस्था ने कला तथा साहित्य के क्षेत्र में ईरान की उल्लेखनीय प्रगति की बात कही है।  उसकी रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने कला, साहित्य, नाटक, वास्तुकला, संगीत और कला से संबन्धित इसी प्रकार के विषयों में प्रशंसनीय प्रगति की है।  इन तीनों अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं का मानना है कि ईरान, अपने क्षेत्रीय देशों की तुलना में लगभग हर क्षेत्र में विकास के मार्ग पर अग्रसर है।

किसी भी देश के वैज्ञानिक विकास को उस देश के विश्वविद्यालयों के एकेडमिक बोर्ड से आंका जाता है।  विश्व स्तर पर किसी देश के वैज्ञानिक महत्व को बढ़ाने में इस बोर्ड की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।  किसी भी देश को विज्ञान के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आगे ले जाने में विश्वविद्यालयों के एकेडमिक बोर्ड के महत्व को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं किया जा सकता।  अच्छी बात यह है कि ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता के फौरन बाद के वर्षों में इस देश के विश्वविद्यालयों में ऐसे शिक्षित, अनुभवी और नैतिक मूल्यों के प्रति कटिबद्ध प्रोफ़ेसर आए जिन्होंने ईरान को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में अथक प्रयास किये हैं।  विश्वविद्यालयों के एकेडमिक बोर्ड में दक्ष लोगों की उपस्थिति के कारण ही ईरान के विश्वविद्यालय विश्व स्तर पर अपना स्थान बनाने में सफल रहे हैं।  वर्तमान समय में ईरान के कुछ विश्वविद्यालय अन्तर्राष्ट्रीय छवि के स्वामी हैं जैसे तरबीयते मुदर्रिस यूनिवर्सिटी, तेहरान विश्वविद्यालय तथा दानिशगाहे सनअती शरीफ़ आदि।  ईरान के जिन विश्वविद्यालयों ने विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है उनमे तेहरान विश्वविद्यालय सर्वोपरि है।  दूसरे विश्वविद्यालयों का नंबर बाद में आता है।  इसका मुख्य कारण यह है कि तेहरान विश्वविद्यालय, ईरान का बहुत पुराना विश्वविद्यालय है।  इसके बाद दानिशगाहे सनअती, दानिशगाहे अमीर-कबीर और दानिशगाहे इस्फ़हान आदि का नंबर आता है।

 

 

 

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