क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-648
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-648
أَلَمْ تَرَ إِلَى رَبِّكَ كَيْفَ مَدَّ الظِّلَّ وَلَوْ شَاءَ لَجَعَلَهُ سَاكِنًا ثُمَّ جَعَلْنَا الشَّمْسَ عَلَيْهِ دَلِيلًا (45) ثُمَّ قَبَضْنَاهُ إِلَيْنَا قَبْضًا يَسِيرًا (46)
क्या तुमने अपने पालनहार (की शक्ति) को नहीं देखा कि कैसे उसने छाया फैलाई? और यदि वह चाहता तो उसे स्थिर रखता। फिर हमने सूर्य को उसका पता देने वाली (निशानी) बनाया। (25:45) फिर हम उसे धीरे-धीरे अपनी ओर समेट लेते हैं। (25:46)
وَهُوَ الَّذِي جَعَلَ لَكُمُ اللَّيْلَ لِبَاسًا وَالنَّوْمَ سُبَاتًا وَجَعَلَ النَّهَارَ نُشُورًا (47)
(वह ईश्वर) वही है जिसने रात्रि को तुम्हारे लिए वस्त्र और निद्रा को विश्राम का कारण बनाया और दिन को जाग उठने (और काम के प्रयास) का समय बनाया। (25:47)
وَهُوَ الَّذِي أَرْسَلَ الرِّيَاحَ بُشْرًا بَيْنَ يَدَيْ رَحْمَتِهِ وَأَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَاءِ مَاءً طَهُورًا (48) لِنُحْيِيَ بِهِ بَلْدَةً مَيْتًا وَنُسْقِيَهُ مِمَّا خَلَقْنَا أَنْعَامًا وَأَنَاسِيَّ كَثِيرًا (49)
और वही है जिसने हवाओं को अपनी दयालुता (की वर्षा) के लिए आगे-आगे शुभ सूचना बनाकर भेजा और हमने ही आकाश से पवित्र करने वाला (स्वच्छ) जल उतारा है। (25:48) ताकि हम उसके द्वारा निर्जीव भू-भाग को जीवन प्रदान करें और उसे अपने पैदा किए हुए बहुत-से चौपायों और मनुष्यों को पिलाएँ। (25:49)