क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-671
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-671
فَاتَّقُوا اللَّـهَ وَأَطِيعُونِ (110) قَالُوا أَنُؤْمِنُ لَكَ وَاتَّبَعَكَ الْأَرْذَلُونَ (111)
तो ईश्वर से डरो और मेरा आज्ञापालन करो। (26:110) उन्होंने कहा, क्या हम आप पर ईमान ले आएं जबकि तुच्छ लोग आपका अनुसरण कर रहे हैं? (26:111)
قَالَ وَمَا عِلْمِي بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ (112) إِنْ حِسَابُهُمْ إِلَّا عَلَى رَبِّي لَوْ تَشْعُرُونَ (113)
नूह ने कहा, मुझे क्या पता कि वे क्या करते रहे हैं? (26:112) अगर वे समझते हैं तो उनका हिसाब केवल मेरे पालनहार के ज़िम्मे है। (26:113)
وَمَا أَنَا بِطَارِدِ الْمُؤْمِنِينَ (114) إِنْ أَنَا إِلَّا نَذِيرٌ مُبِينٌ (115)
और मैं कदापि ईमान वालों को धुत्कारने वाला नहीं हूँ। (26:114) मैं तो बस स्पष्ट रूप से सावधान करने वाला हूँ। (26:115)