May १६, २०१८ १४:०९ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-671

 

فَاتَّقُوا اللَّـهَ وَأَطِيعُونِ (110) قَالُوا أَنُؤْمِنُ لَكَ وَاتَّبَعَكَ الْأَرْذَلُونَ (111)

 

तो ईश्वर से डरो और मेरा आज्ञापालन करो। (26:110) उन्होंने कहा, क्या हम आप पर ईमान ले आएं जबकि तुच्छ लोग आपका अनुसरण कर रहे हैं? (26:111)

 

 

قَالَ وَمَا عِلْمِي بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ (112) إِنْ حِسَابُهُمْ إِلَّا عَلَى رَبِّي لَوْ تَشْعُرُونَ (113)

 

नूह ने कहा, मुझे क्या पता कि वे क्या करते रहे हैं? (26:112) अगर वे समझते हैं तो उनका हिसाब केवल मेरे पालनहार के ज़िम्मे है। (26:113)

 

 

وَمَا أَنَا بِطَارِدِ الْمُؤْمِنِينَ (114) إِنْ أَنَا إِلَّا نَذِيرٌ مُبِينٌ (115)

 

और मैं कदापि ईमान वालों को धुत्कारने वाला नहीं हूँ। (26:114) मैं तो बस स्पष्ट रूप से सावधान करने वाला हूँ। (26:115)

 

 

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