क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-678
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-678
كَذَّبَ أَصْحَابُ الْأَيْكَةِ الْمُرْسَلِينَ (176) إِذْ قَالَ لَهُمْ شُعَيْبٌ أَلَا تَتَّقُونَ (177) إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ (178) فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ (179) وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ (180)
ऐका के लोगों ने पैग़म्बरों को झुठलाया। (26:176) जब शुऐब ने उनसे कहा कि क्या तुम (ईश्वर का) डर नहीं रखते? (26:177) निश्चय ही मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार पैग़म्बर हूँ। (26:178) तो ईश्वर से डरो और मेरा आज्ञापालन करो। (26:179) और मैं इस काम पर तुमसे कोई प्रतिफल नहीं माँगता कि मेरा प्रतिफल तो केवल समस्त संसार के पालनहार के ज़िम्मे है। (26:180)
أَوْفُوا الْكَيْلَ وَلَا تَكُونُوا مِنَ الْمُخْسِرِينَ (181) وَزِنُوا بِالْقِسْطَاسِ الْمُسْتَقِيمِ (182) وَلَا تَبْخَسُوا النَّاسَ أَشْيَاءَهُمْ وَلَا تَعْثَوْا فِي الْأَرْضِ مُفْسِدِينَ (183) وَاتَّقُوا الَّذِي خَلَقَكُمْ وَالْجِبِلَّةَ الْأَوَّلِينَ (184)
पूरा-पूरा नाप दो और डंडी न मारो। (26:181) और ठीक तराज़ू से तोलो। (26:182) और लोगों को उनकी चीज़ें कम न दो और धरती में बिगाड़ मचाते न फिरो। (26:183) और उसका डर रखो जिसने तुम्हें और पिछली जातियों को पैदा किया है। (26:184)
قَالُوا إِنَّمَا أَنْتَ مِنَ الْمُسَحَّرِينَ (185) وَمَا أَنْتَ إِلَّا بَشَرٌ مِثْلُنَا وَإِنْ نَظُنُّكَ لَمِنَ الْكَاذِبِينَ (186) فَأَسْقِطْ عَلَيْنَا كِسَفًا مِنَ السَّمَاءِ إِنْ كُنْتَ مِنَ الصَّادِقِينَ (187)
उन्होंने कहा, (हे शुऐब) निश्चय ही तुम पर जादू किया गया है। (26:185) और तुम तो हमारे ही जैसे एक आदमी हो और हम तुम्हें झूठों में समझते हैं। (26:186) तो यदि तुम सच्चे हो तो हम पर आकाश का कोई टुकड़ा ही गिरा दो। (26:187)