क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-679
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-679
قَالَ رَبِّي أَعْلَمُ بِمَا تَعْمَلُونَ (188) فَكَذَّبُوهُ فَأَخَذَهُمْ عَذَابُ يَوْمِ الظُّلَّةِ إِنَّهُ كَانَ عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيمٍ (189) إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُمْ مُؤْمِنِينَ (190) وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ (191)
शुऐब ने कहा, जो कुछ तुम कर रहे हो उसे मेरा पालनहार भली-भाँति जानता है। (26:188) तो उन्होंने उन्हें झुठला दिया। फिर (आग बरसाने) वाले बादल के दिन के दंड ने उन्हें आ लिया। निश्चय ही वह एक बड़े दिन का दंड था। (26:189) निःसंदेह इस (घटना) में एक बड़ी निशानी है लेकिन उनमें से अधिकतर ईमान लाने वाले नहीं। (26:190) और निश्चय ही तुम्हारा पालनहार ही है जो बड़ा प्रभुत्वशाली और अत्यन्त दयावान है। (26:191)
وَإِنَّهُ لَتَنْزِيلُ رَبِّ الْعَالَمِينَ (192) نَزَلَ بِهِ الرُّوحُ الْأَمِينُ (193) عَلَى قَلْبِكَ لِتَكُونَ مِنَ الْمُنْذِرِينَ (194) بِلِسَانٍ عَرَبِيٍّ مُبِينٍ (195)
और निश्चय ही यह (क़ुरआन) सारे संसार के पालनहार की (ओर से) भेजी गई वस्तु है। (26:192) जिसे जिब्रईल लेकर आए हैं, (26:193) आपके हृदय पर, ताकि आप (लोगों को) सचेत करने वालों में हो जाएं, (26:194) (और यह) स्पष्ट अरबी भाषा में (है)। (26:195)
وَإِنَّهُ لَفِي زُبُرِ الْأَوَّلِينَ (196) أَوَلَمْ يَكُنْ لَهُمْ آَيَةً أَنْ يَعْلَمَهُ عُلَمَاءُ بَنِي إِسْرَائِيلَ (197)
और निःसंदेह यह (सूचना) पिछले लोगों की किताबों में भी मौजूद है। (26:196) क्या यह उनके लिए (इसकी सच्चाई की) एक स्पष्ट निशानी नहीं है कि बनी इसराईल के विद्वान इस (क़ुरआन) को जानते हैं? (26:197)