Oct ०३, २०१८ १३:०० Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-683

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ طس تِلْكَ آَيَاتُ الْقُرْآَنِ وَكِتَابٍ مُبِينٍ (1) هُدًى وَبُشْرَى لِلْمُؤْمِنِينَ (2)

 

अल्लाह के नाम से जो अत्यंत कृपाशील और दयावान है। ता. सीन. ये क़ुरआन और एक स्पष्ट करने वाली किताब की आयतें हैं। (27:1) (यह किताब) ईमान वालों के लिए मार्गदर्शन और शुभ सूचना है। (27:2)

 

 

الَّذِينَ يُقِيمُونَ الصَّلَاةَ وَيُؤْتُونَ الزَّكَاةَ وَهُمْ بِالْآَخِرَةِ هُمْ يُوقِنُونَ (3) إِنَّ الَّذِينَ لَا يُؤْمِنُونَ بِالْآَخِرَةِ زَيَّنَّا لَهُمْ أَعْمَالَهُمْ فَهُمْ يَعْمَهُونَ (4) أُولَئِكَ الَّذِينَ لَهُمْ سُوءُ الْعَذَابِ وَهُمْ فِي الْآَخِرَةِ هُمُ الْأَخْسَرُونَ (5)

 

जो लोग नमाज़ क़ायम करते हैं, ज़कात देते हैं और (वही हैं) जो प्रलय पर पूरा विश्वास रखते हैं (27:3) (और) निश्चय ही जो लोग प्रलय पर ईमान नहीं रखते हम उनके कर्मों को उनके लिए सुंदर बना देते हैं तो वे भटकते फिरते हैं। (27:4) वही लोग हैं जिनके लिए कड़ा दंड है और वही हैं जो प्रलय में सबसे अधिक घाटे में रहने वाले हैं। (27:5)

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