क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-745
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-745
فَأَقِمْ وَجْهَكَ لِلدِّينِ الْقَيِّمِ مِنْ قَبْلِ أَنْ يَأْتِيَ يَوْمٌ لَا مَرَدَّ لَهُ مِنَ اللَّهِ يَوْمَئِذٍ يَصَّدَّعُونَ (43)
तो तुम (पूरे अस्तित्व के साथ) सीधे व ठोस धर्म की ओर उन्मुख हो जाओ, इससे पहले कि वह दिन आ जाए जिसके लिए ईश्वर की ओर से कोई वापसी नहीं है। उस दिन लोग अलग-अलग और गुट-गुट हो जाएँगे। (30:43)
مَنْ كَفَرَ فَعَلَيْهِ كُفْرُهُ وَمَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِأَنْفُسِهِمْ يَمْهَدُونَ (44)
जिस किसी ने कुफ़्र अपनाया तो उसका कुफ़्र उसी के अहित में है और जिन लोगों ने अच्छे कर्म किए तो वे अपने ही लिए (अच्छा अंत व स्थायी कल्याण) तैयार कर रहे हैं। (30:44)
لِيَجْزِيَ الَّذِينَ آَمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ مِنْ فَضْلِهِ إِنَّهُ لَا يُحِبُّ الْكَافِرِينَ (45)
ताकि वह अपनी कृपा से उन लोगों को बदला दे जो ईमान लाए और जिन्होंने अच्छे कर्म किए। निश्चय ही वह काफ़िरों को पसन्द नहीं करता। (30:45)
وَمِنْ آَيَاتِهِ أَنْ يُرْسِلَ الرِّيَاحَ مُبَشِّرَاتٍ وَلِيُذِيقَكُمْ مِنْ رَحْمَتِهِ وَلِتَجْرِيَ الْفُلْكُ بِأَمْرِهِ وَلِتَبْتَغُوا مِنْ فَضْلِهِ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ (46)
और उसकी (शक्ति व तत्वदर्शिता की) निशानियों में से यह भी है कि वह (वर्षा की) शुभ सूचना देने वाली हवाएँ भेजता है और ताकि वह तुम्हें अपनी दया का स्वाद चखाए और ताकि उसके आदेश से नौकाएँ चलें और ताकि तुम उसकी कृपा से (रोज़ी) तलाश करो शायद तुम कृतज्ञता दिखाओ। (30:46)