Sep ०७, २०२० १४:१७ Asia/Kolkata
  • ईरान भ्रमण- 46 (सिमनान की सैर)

सेमनान ईरान के दो मुख्य राजमार्ग पर स्थित है। 

सेमनान प्रांत उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी एवं ईरान के पश्चिमी इलाक़ों के  राजमार्गों  पर स्थित होने की वजह से  बहुत पहले से  से ही महत्वपूर्ण रहा है। विश्व विख्यात सिल्क रोड भी इसी प्रांत के बस्ताम, दामग़ान और सेमनान शहरों से होकर गुज़रता था। यह महत्वपूर्ण मार्ग ईरान के दक्षिणी एवं केन्द्रीय इलाक़ों को तब्रिस्तान, औरगंज, समरक़न्द, ख़्वारेज़्म, मर्व एवं ट्रांसऑक्सेनिया से जोड़ता था। इसके अलावा, इस इलाक़े में अन्य महत्वपूर्ण मार्ग भी थे कि जो आस पास के इलाक़ों को एक दूसरे से जोड़ते थे, उक्त मार्गों के कारण सेमनान प्रांत के शहर महत्वपूर्ण केन्द्रों में बदल गए। सेमनान  में   भौगोलिक स्थिति के कारण  मौसम कई प्रकार के हैंं । पहाड़ी इलाक़ों में मौसम ठंडा, पहाड़ों के आंचल और ऊंचे इलाक़ों में संतुलित तथा रेगिस्तानी इलाक़ों में गर्म रहता है। इस प्रकार, इस प्रांत के विभिन्न शहरों का मौसम भी अलग अलग है। उदाहरण स्वरूप, इस प्रांत की राजधानी सेमनान शहर में गर्मियों में गर्म मौसम और सर्दियों में संतुलित रहता है जबकि इस प्रांत के कुछ दूसरे शहरों में परिस्थितियां भिन्न हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जलवायु की दृष्टि से सेमनान प्रांत अर्ध रेगिस्तानी है और प्रांत की उत्तरी पट्टी की जलवायु, भूमध्य सागर की जलवायु की तरह गर्म एवं सूखी है लेकिन जितना आप इस प्रान्त में दक्षिण की ओर बढ़ेंगी उतना ही गर्मी बढ़ती जाएगी। 

 

 

आप को यह ही बता दें कि इस प्रान्त में 20 हज़ार हेक्टर से अधिक संरक्षित क्षेत्र हैं जो इस प्रान्त के कुल क्षेत्रफल का 23 प्रतिशत है। इसके साथ आप को भी बताते चलें कि पूरे ईरान में जितने संरक्षित क्षेत्र हैं उनका 25 प्रतिशत भाग सेमनान प्रान्त में है। यह इलाक़े , प्रान्त के पूर्वोत्तर में " परवर" शाहरुद ज़िले के  दक्षिण पूर्व में " तूरान" उत्तर पूर्व में " खुश ईलाक़" जैसे संरक्षित  क्षेत्रों का नाम लिया जा सकता है । इन सभी क्षेत्रों की अपनी अपनी विशेषताएं हैं। 

 

सेमनान का प्रांत का अतीत बेहद शानदार है।  सेमनान प्रांत  इतिहास पूर्व क़ोमिस , ऐतिहासिक साम्राज्य  का भाग था।  माद एवं हख़ामनी शासनकाल में कोमीशान उत्तरी ईरान में  पार्त का एक विशाल प्रान्त  था। उस समय सेमनान शहर, पार्त एवं माद राज्यों की सीमा माना जाता था। इस्लामी काल में कोमीशान को क़ोमिस कहा गया। क़ोमिस राज्य अलबोर्ज़ पर्वत के दक्षिणी आंचल में स्थित था। अगर वर्तमान सेमनान प्रांत के क्षेत्रफल पर नज़र डालें तो  और दक्षिणी रेगिस्तानी इलाक़ों को हटा दें तो  बाक़ी  जो इलाक़े बचते हैं  वह  वही क्षेत्र है कि जिसे इस्लामी भुगोल शास्त्रियों ने क़ोमिस राज्य का नाम दिया है जिसका केन्द्र दामग़ान शहर था लेकिन वर्तमान समय में उसका केन्द्र सेमनान शहर है।

 

इस्लामी इतिहासकारों का कहना है कि प्राचीन काल में क़ोमिस व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र था। मोहम्मद बिन अहमद मुक़द्दसी ने अपनी किताब "अहसनुत्तक़ासीम"  में क़ोमिस के बारे में लिखा है कि क़ोमिस के रहने वाले रेश्मी वस्त्रों, बारीक कपड़े और सफ़ेद सूती पगड़ियां बनाने में माहिर हैं। वे अधिकांश सफ़ेद कपड़ा बेचते हैं कि जो अन्य देशों को भी निर्यात किया जाता है और वह दूर दूर तक मशहूर है। इसी प्रकार उन्होंने उल्लेख किया है कि क़ोमिस में तैयार होने वाली सफेद पगड़ियां सादी होती थीं और  उनमें किनारियां बनी होती हैं तथा वह  सुन्दर एवं अच्छी होने के कारण मंहगी होती हैं। क़ोमिस में फल भी बहुत होते हैं और अनेक फलों को पड़ोसी राज्यों को निर्यात किया जाता है।

यही नहीं आप के लिए यह भी जानना रोचक होगा कि   क़ोमिस राज्य अपनी भौगोलिक एवं सामरिक स्थिति और इसी प्रकार, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संभावनाओं के कारण हमेशा ही  अनेक धार्मिक एवं राजनीतिक आंदोलनों का केन्द्र रहा है जिनमें  मुख्य रूप से ज़ौदियों, इस्माईलियों और सरबदारान का नाम लिया जा सकता है।

 ईरान में क़ाजारी शासन काल के अंत तक क़ोमिस नाम, लोगों की ज़बान पर था, लेकिन 1961 में  सेमनान, दामग़ान, शाहरूद, बस्ताम, संगसर और शमीरज़ाद तथा  उनके आस पास के  इलाक़ों पर आधारित क़ोमिस को  ईरान में नई प्रशासनिक व्यवस्था एवं उसके बंटवारे के बाद नाम सेमनान प्रांत कहा जाने लगा और उसका केन्द्रीय नगर  सेमनान को घोषित कर दिया गया।

 

सेमनान में कई नदियां  भी हैं जिनमें  सेमनान शहर में गुलरूद बार, शाहरूद शहर में ताश एवं काल शूर, दामग़ान शहर में चश्मे अली एवं रूदबार और गर्मसार में हब्ले रूद का नाम लिया जा सकता है लेकिन इन नदियों में केवल हब्ले रूद में हमेशा पानी रहता है, बाक़ी सब अस्थायी एवं मौसमी नदियां हैं जो  पूरे साल में अधिकांश  सूखी रहती हैं लेकिन पानी के सीमित स्रोतों के बावजूद, सेमनान के अधिकांश इलाक़ों में मौसम अच्छा है इस लिए इस प्रांत में कृषि और फलों के उत्पादन की काफ़ी संभावनाएं हैं। सेमनान के कृषि उत्पाद न केवल देश भर में जाते हैं बल्कि विदेशों को भी निर्यात किए जाते हैं। इस प्रांत के महत्वपूर्ण कृषि उत्पादों में से गेंहू, जौ, ख़रबूज़ा, आलू, सूरज मुखी, कपास, चुक़न्दर और तरबूज़ हैं। पिस्ता, अंगूर, खूबानी, अनार, सेब, चेरी, अख़रोट और इंजीर भी इस प्रान्त के उत्पादों शामिल हैं। इसके साथ ही सेमनान में खदानें भी हैं और पशुपालन भी व्यापक स्तर पर किया जाता है यही वजह है कि  इस प्रान्त को ईरान के उद्योगिक केन्द्रों में गिना जाता है। वैसे हस्तकला भी में इस प्रान्त का नाम है। 

 

चरागाहों की दृष्टि से सेमनान प्रांत का नाम है  और सेमनान में  लगभग 55 लाख हेक्टेयर भूमि पर चरागाहें फैली हुई हैं। यही कारण है कि यह प्रांत पशुपालन की दृष्टि से  भी महत्वपूर्ण  है। इस  प्रांत में गर्मी के मौसम एवं सर्दी के मौसम के लिए अलग अलग चरागाहे हैं। गर्मियों के मौसम की चरागाहें सेमनान के उत्तरी भाग, शाहरूद, दामग़ान और गर्मसार में हैं और सर्दियों के मौसम की चरागाहें प्रांत के दक्षिणी भाग में बड़े क्षेत्रफल में फैली हुई हैं।

 

सेमनान प्रान्त का केन्द्रीय नगर प्रान्त के ही नाम से है अर्थात उसे सेमनान कहा जाता है। इस नगर का भी अपना एक इतिहास है जो काफी प्राचीन है। अधिकांश इस्लामी भुगोलशास्त्रियों का कहना है कि सेमनान नगर की नींव " तहमूर्स " ने रखी जो पीशदादी राजा था और यह शासन श्रंखला इतिहास पूर्व काल की है  और चूंकि सेमनान बेहद  प्राचीन नगर है इस लिए इसने राजाओं के सिंहासन छिनते और ताज गिरते देखे हैं, सत्ता की लड़ाई में बहते खून देखे हैं। यह चूकि राजमार्ग पर स्थित है इस  लिए हमेशा इस नगर पर चढ़ाई की जाती रही है । इस नगर पर हमेशा ही पूरब व पश्चिम से हमला होता था यही वजह है कि इस नगर में कई क़िलों के खंडहर हैं जो युद्धों से भरे इस नगर के अतीत की कहानी सुनाते हैं लेकिन जो चीज़ पर्यटकों का मन मोहती है वह इस नगर के बाग हैं। इस नगर में मौजूद बाग, ईरानी कला और कला के विभिन्न चरणों का इतिहास हैं सातवीं सदी के प्रसिद्ध पर्यटक, याक़ूत हमवी ने अपनी यात्रा वृतांत में सेमनान के बारे में  लिखा है कि मैंने इस नगर को देखा, पेड़ और बाग से भरा है यह नगर, हर घर में पानी की नहर बहती है और काफी अच्छी जगह है।  

 

जैसा कि हमने बताया सेमनान प्राचीन नगर है इस लिए वहां प्राचीन अवशेष भी बहुत हैं। इस नगर में इतिहास से पहले के अवशेषों से लेकर काजारी शासन काल तक के अवशेष मौजूद हैं जिनमें " दरवाज़ए अर्ग " को विशेष महत्व प्राप्त है। यह वास्तव में काजारी शासन काल की याद दिलाता है। 

 

यह दरवाज़ा अपने आप में एक अदभुत चीज़ है। उत्तर और दक्षिण से अलग अलग रूप में नज़र आता है। उत्तर से देखें तो 6 मीनारे, टाइलों की सजावट, काजारी सिपाही, सफेद राक्षस और रुस्तम के युद्ध का कई प्रकार के डिज़ाइन नज़र आते हैं लेकिन जब आप इसे दक्षिण से देखते हैं तो बेहद साधारण रूप में टाइलों की सजावट ही नज़र आती है और उस पर टाइल से ही सुल्तान बिन सुल्तान साहिबे क़ेरान, नासिरुद्दीन शाह काजार लिखा हुआ नज़र आता है। इस दरवाज़े के पट बेहद मोटे हैं और उन में लोहे की कीलें लगी हुई हैं। जैसा कि हमने आप को बताया कि सेमनान का इतिहास बहुत लंबा है तो फिर इस प्रान्त के बारे में बात इतनी जल्दी खत्म नहीं हो सकती हां लेकिन हमारे इस कार्यक्रम का समय समाप्त हो गया है तो बाकी बातें अगली कड़ी में।

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