अत्याचारी शासक शाह के भ्रष्टाचारों का रहस्योद्घाटन करने के कारण इमाम ख़ुमैनी को जूलाई १९६३ को गिरफ़्तार करके तेहरान में जेल भेज दिया गया था।
स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी ने जीवन भर अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष किया।