• मार्गदर्शन- 61

    मार्गदर्शन- 61

    Dec ०३, २०१७ १६:५३

    इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई देश के वैज्ञानिक आंदोलन पर विशेष ध्यान देते हैं।

  • मार्गदर्शन -60

    मार्गदर्शन -60

    Nov ०७, २०१७ १६:१३

    ईरान में वैज्ञानिक विकास और ख़ास तौर पर पिछले दशक में जो वैज्ञानिक विकास हुआ है वह किसी से छिपा नहीं है।

  • मार्गदर्शन- 59

    मार्गदर्शन- 59

    Oct ३०, २०१७ १६:०४

    इस्लाम के मुताबिक़, शिक्षा प्राप्त करने की कोई सीमा नहीं है, बल्कि ज्ञान की प्राप्ति की अधिक से अधिक इच्छा रखना, उन कामों में से है, जिसे इस्लाम अच्छा समझता है।

  • मार्गदर्शन- 58

    मार्गदर्शन- 58

    Oct २५, २०१७ १६:२०

    हमने इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता की दृष्टि में शिक्षा और प्रशिक्षण के विषय पर चर्चा की थी और आपको बताया था कि इस्लामी शिक्षाओं में पहला स्थान प्रशिक्षण का है और उसके बाद शिक्षा का स्थान है।

  • मार्गदर्शन- 57

    मार्गदर्शन- 57

    Oct १६, २०१७ १६:४६

    एक समाज के कल्याण का एक महत्वपूर्ण बिन्दु उस समाज के लोगों का ज्ञान और ईमान से सुसज्जित होना है।

  • मार्गदर्शन- 56

    मार्गदर्शन- 56

    Oct १६, २०१७ १६:२८

    शिक्षक व प्रशिक्षक समाज को गतिशील बनाने और उसे दिशा प्रदान करने वाले हैं।

  • मार्गदर्शन- 55

    मार्गदर्शन- 55

    Oct १६, २०१७ १६:१५

    शिक्षा व प्रशिक्षण या दूसरे शब्दों मे सीखना और सिखाना वह विषय है जिसे इस्लाम में बहुत अच्छी नज़र से देखा गया है। 

  • मार्गदर्शन-54

    मार्गदर्शन-54

    Oct १६, २०१७ १४:३८

    शिक्षा हासिल करना हर इंसान का स्वाभाविक व प्राकृतिक अधिकार है और दुनिया की हर संस्कृति और हर क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने पर बल दिया जाता है।

  • मार्गदर्शन -53

    मार्गदर्शन -53

    Oct ११, २०१७ १६:५९

    20 सफ़र को इमाम हुसैन का चेहलुम होता है। यह वह दिन है जब इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के क़ैदी बनाए गए परिजन सीरिया से मदीना पलटे।

  • मार्गदर्शन -52

    मार्गदर्शन -52

    Sep १६, २०१७ १४:५८

    इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई कर्बला की घटना और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के आंदोलन के सकारात्मक प्रभावों क बारे में कहते हैः जिस दिन से इमाम हुसैन पर पड़ने वाले दुखों को बयान करने का विषय सामने आया उसी दिन से पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम व उनके परिजनों के श्रद्धालुओं के मन में आध्यात्मिकता के सोते फूटने लगे।