Pars Today
इस्लाम में बालाधिकार की अंतिम कड़ी के साथ आपकी सेवा में हाज़िर हैं।
आपको याद होगा कि पिछले कार्यक्रमों में हमने इस बात की समीक्षा की थी कि मानवाधिकार के दस्तावेज़ों और बाल अधिकार के कन्वेन्शन में वर्णित कितनी बातें, बाल अधिकार के बारे में इस्लामी शिक्षाओं में वर्णित बिन्दुओं से मेल खाती हैं।
बच्चों का सम्मान करने से उनके व्यक्तित्व पर बहुत अच्छा असर पड़ता है।
यह एक कटु वास्तविकता है कि युद्धों ने मानव जीवन को बहुत अधिक प्रभावित किया है।
आपको अवश्य याद होगा कि पिछले कार्यक्रम में हमने उन बच्चों की चर्चा की थी जो विशेष परिस्थिति में होते हैं और उन पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत होती है और उन पर ध्यान देना समाज के समस्त लोगों और सरकारों की ज़िम्मेदारी होती है।
हमने पहले बताया था कि इस्लाम की दृष्टि में बच्चों को विशेष अधिकार प्राप्त हैं।
हर समाज में बच्चे पाए जाते हैं और शारीरिक स्वास्थ्य और विशेष स्थिति से भी संपन्न होने के बावजूद भी सामान्य जीवन व्यतीत नहीं करते।
बच्चों को समाज का सबसे कमज़ोर या निर्बल वर्ग माना जाता है।
बच्चों को स्वास्थ्य, समृद्धि और सामाजिक सुरक्षा का पूरा अधिकार है।
हमने बच्चों की प्रशिक्षा के संबंध में कुछ बातें बयान की थीं।