• हम और पर्यावरण- 47

    हम और पर्यावरण- 47

    Oct १७, २०१७ १४:३२

    पारंपरिक रूप से शिष्टाचार के बारे में दो लोगों या फिर समाज के लोगों के संबंधों पर बात होती है लेकिन कुछ विशेषज्ञों के अनुसार अब तक इंसानों और धरती, पशुओं व वनस्पतियों के द्विपक्षीय संबंधों को संकलित करने वाले शिष्टाचार के बारे में अधिक ध्यान नहीं दिया गया है।

  • हम और पर्यावरण - 46

    हम और पर्यावरण - 46

    Oct १७, २०१७ १४:०७

    इंसान की एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है कि वह पर्यावरण को सुरक्षित रखे।

  • हम और पर्यावरण-45

    हम और पर्यावरण-45

    Sep १६, २०१७ १६:०४

    हमने कहा था कि पर्यावरण के संबंध में संयुक्त राष्ट्रसंघ की दूसरी बड़ी कांफ्रेन्स वर्ष 1992 में ब्राज़ील के रियो नगर में हुई थी।

  • हम और पर्यावरण-44

    हम और पर्यावरण-44

    Sep ११, २०१७ १३:३४

    पर्यावरण की सुरक्षा का विषय पहले राष्ट्रीय स्तर का विषय हुआ करता था जिसके बारे में देशों के भीतर ही चर्चाएं होती थीं किंतु हालिया दशकों में होने वाले व्यापक परिवर्तनों के कारण पर्यावरण की सुरक्षा का विषय एक अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दा हो गया है।

  • हम और पर्यावरण-43

    हम और पर्यावरण-43

    Aug ३०, २०१७ १६:०४

    आपको याद होगा कि पिछले कार्यक्रम में यह बताया कि किस तरह कूड़े को रीसाइकल अर्थात फिर से इस्तेमाल करके पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है।

  • हम और पर्यावरण-42

    हम और पर्यावरण-42

    Aug २१, २०१७ १६:२४

    जैसाकि आप जानते हैं कि वर्तमान समय में पूरे विश्व में प्रदूषण बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है।

  • हम और पर्यावरण-41

    हम और पर्यावरण-41

    Jul ११, २०१७ १३:४५

    हमने आपको बताया था कि कौन कौन से तत्व पर्यावरण की रक्षा में सहायता प्रदान करते हैं।

  • हम और पर्यावरण - 40

    हम और पर्यावरण - 40

    Jul ११, २०१७ १३:०४

    बच्चों को विश्व का सबसे बड़ा मानव समूह माना जाता है।

  • भारत ने ट्रम्प के इल्ज़ाम को किया ख़ारिज

    भारत ने ट्रम्प के इल्ज़ाम को किया ख़ारिज

    Jun ०६, २०१७ १९:१६

    भारत ने अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के इस आरोप को ख़ारिज किया है कि उसने आर्थिक हितों के लिए पेरिस जलवायु समझौते पर दस्तख़त किए थे।

  • हम और पर्यावरण-39

    हम और पर्यावरण-39

    May २८, २०१७ १५:१६

    हमने कहा था कि आज पर्यावरण की रक्षा को टिकाऊ विकास के स्तंभ के रूप में देखा जाता है और लोगों की वास्तविक भागीदारी और जानकारी के बिना यह संभव नहीं है।