कश्मीर में सुरक्षा बलों और छापामारों के बीच भीषण झड़प, 8 की मौत, कश्मीर में होती घटनाएं क्या यह संयोग है?
भारत प्रशासित कश्मीर में इधर दो तीन दिन से छापामारों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें होने की सूचना है। इन झड़पों में जहां भारतीय सुरक्षा बल के एक अधिकारी सहित पांच जवान मारे गए हैं वहीं 3 छापामारों के भी मारे जाने की ख़बर है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत प्रशासित कश्मीर के शोपियां ज़िले में मंगलवार को हुई एक मुठभेड़ के दौरान कम से कम तीन छापामार मारे गए हैं। स्थानीय पुलिस ने बताया कि मारे गए छापामारों के पास से आपत्तिजनक सामग्री के साथ हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है। इनमें से एक की पहचान हुई है और अन्य के बारे में पता लगाया जा रहा है। ग़ौरतलब है कि शोपियां ज़िले के इमामसाहब इलाक़े के तुलरान में सोमवार को में झड़प शुरू हुई थी।
वहीं इससे पहले जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में छापामारों से मुठभेड़ में भारतीय सेना के एक अफसर समेत 5 जवान मारे गए। जानकारी के मुताबिक़, पीर पंजाल रेंज में छापामारों के ख़िलाफ़ भारतीय सेना का अभियान जारी था। इसी दौरान छापामारों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण झड़प शुरू हो गई जिसमें भारतीय सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और 4 अन्य जवान मारे गए। वहीं, 3 से 4 जवान घायल भी हुए हैं, जिन्हें आर्मी अस्पताल शिफ्ट किया गया है।
इस बीच मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ पूरे भारत में लगभग एक साल से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन आंदोलनों में ज़्यादातर भारतीय राज्य पंजाब और हरियाणा के किसान हैं जिनका संबंध सिख समुदाय से है। वहीं हाल ही में लखीमपूर में बीजेपी नेता और मोदी सरकार के में कैबिनेट मंत्री द्वारा किसानों की गाड़ी से बड़ी बेरहमी से की गई हत्या और उसके बाद कश्मीर में अचानक सिख समुदाय से संबंध रखने वाले आम लोगों की हत्याएं और अब भारतीय सेना के मारे गए जवानों में ज़्यादातर का सिख समुदाय से होने पर कई भारतीय टीकाकारों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने इन घटनाओं पर संदेह व्यक्त किया है। इन लोगों का सवाल है कि राज्यों के नज़दीक होते चुनाव और दिन प्रतिदिन व्यापक होते किसान आंदोलन के बीच कश्मीर में जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं क्या यह संयोग है? (RZ)
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