Oct २२, २०२१ १२:३७ Asia/Kolkata
  • 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन लगने पर मोदी ने किया राष्ट्र को संबोधित, थपथपाई अपनी सरकार की पीठ

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन का आंकड़ा एक अरब होने पर शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं। भारत ने जिस तेज़ी से 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भारत में 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन का आंकड़ा पार होने पर शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने अपने नागरिकों को 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई है और वह भी बिना पैसा लिए। 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का एक प्रभाव यह भी होगा कि अब दुनिया भारत को कोरोना से ज़्यादा सुरक्षित मानेगी। कोरोना के मामलों में कमी और तेज़ टीकाकरण के बीच प्रधानमंत्री ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। मोदी ने कहा कि "कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा से पूरी गारंटी हो तो भी जबतक युद्ध चल रहा है हथियार नहीं डाले जाते। मेरा आग्रह है कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है।"

भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा शुक्रवार को राष्ट्र किए गए संबोधन में टीकाकरण अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि देश ने सबको साथ लेकर ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन' का अभियान शुरू किया। ग़रीब-अमीर, गांव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता। यह सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी न हो। उन्होंने कहा कि जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे, क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन ख़रीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके? भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज यह 100 करोड़ वैक्सीन डोज़, हर सवाल का जवाब दे रही है।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दीए जलाए तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा। हमारे देश ने कॉविन प्लेटफॉर्म की जो व्यवस्था बनाई है, वह भी विश्व में आकर्षण का केंद्र है। भारत में बने कॉविन प्लेटफॉर्म ने न केवल आम लोगों को सहूलियत दी, बल्कि मेडिकल स्टाफ के काम को भी आसान बनाया है। उन्होंने कहा कि हर छोटी से छोटी चीज़, जो मेड इन इंडिया हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे ख़रीदने पर ज़ोर देना चाहिए। यह सबके प्रयास से ही संभव होगा। भारतीयों द्वारा बनाई चीज़ ख़रीदना, वोकल फॉर लोकल होना, यह हमें व्यवहार में लाना ही होगा। (RZ)

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