कंगना रनौत ने महात्मा गांधी को सत्ता का भूखा बताते हुए कहा कि गांधी ने कभी भगत सिंह और नेताजी को सपोर्ट नहीं किया
(last modified Tue, 16 Nov 2021 13:49:11 GMT )
Nov १६, २०२१ १९:१९ Asia/Kolkata
  • कंगना रनौत ने महात्मा गांधी को सत्ता का भूखा बताते हुए कहा कि गांधी ने कभी भगत सिंह और नेताजी को सपोर्ट नहीं किया

भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सत्ता का भूखा और लोभी व्यक्ति बताया है। 

हिंदुस्तान के अनुसार कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर लंबे मेसेज पोस्ट किए हैं। पोस्ट में महात्मा गांधी पर निशाना साधा गया है। पहले मेसेज में कंगना ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सत्ता का भूखा और चालाक व्यक्ति बताया है वहीं दूसरे पोस्ट में लिखा है कि गांधी जी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए।

कंगना ने लोगों को सलाह दी है कि वह अपने हीरो को समझदारी से चुनें। उन्होंने यह भी लिखा है कि झापड़ मारने वाले के सामने दूसरा गाल आगे करने से आजादी नहीं मिलती।  कंगना ने लिखा है, जो लोग स्वतंत्रता के लिए लड़े उन्हें, उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया जिनमें हिम्मत नहीं थी न ही खून में उबाल था। वे सत्ता के भूखे और चालाक थे।

ये वही थे जिन्होंने हमें सिखाया कि अगर कोई तुम्हें थप्पड़ मारे तो उसके आगे एक और झापड़ के लिए दूसरा गाल कर दो और इस तरह तुमको आजादी मिल जाएगी।  कंगना लिखती हैं कि ऐसे में किसी को आजादी नहीं मिलती सिर्फ भीख मिलती है। अपने हीरो समझदारी से चुनें।

कंगना रनौत ने दूसरे पोस्ट में लिखा है, गांधी ने कभी भगत सिंह और नेताजी को सपोर्ट नहीं किया। कई सबूत हैं जो इशारा करते हैं कि गांधीजी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए। इसलिए आपको चुनना है कि आप किसे सपोर्ट करते हैं। क्योंकि उन सबको अपनी याद के एक ही बॉक्स में रख लेना और उनकी जयंती पर याद कर लेना काफी नहीं है। सच कहें तो यह मूर्खता नहीं बल्कि गैरजिम्मेदाराना और सतही है। लोगों को अपना इतिहास और अपने हीरो पता होने चाहिए।

याद रहे कि पद्मश्री अवार्ड लेने के बाद एक इन्टरव्यू में अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा था कि 1947 में तो भारत को भीख मिली थी आज़ादी नहीं।  वास्तव में आज़ादी तो 2014 में नरेन्द्र मोदी की सरकार के सत्ता में आने से मिली है।

जहांतक 2014 में मिली आजादी की बात है तो मैंने खास तौर पर कहा कि भले ही हमारे पास दिखाने के लिए आजादी थी लेकिन भारत की चेतना और विवेक को आजादी तो सन 2014 में ही मिली है।

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