भारत के लिए बुरी ख़बर, लगभग डेढ़ लाख बच्चों ने खो दिए माता पिता, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान
(last modified Tue, 18 Jan 2022 10:37:37 GMT )
Jan १८, २०२२ १६:०७ Asia/Kolkata
  • भारत के लिए बुरी ख़बर, लगभग डेढ़ लाख बच्चों ने खो दिए माता पिता, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान

भारत के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है कि लगभग डेढ़ लाख बच्चों ने कई कारणों से अपने माता पिता को खो दिया।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार एनसीपीसीआर ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि पहली अप्रैल, 2020 से अब तक कुल 1 लाख 47 हज़ार 492 बच्चों ने कोविड-19 और अन्य कारणों से अपने माता या पिता में से किसी एक या दोनों को खो दिया है।

एनसीपीसीआर ने कहा कि इसके आंकड़े राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने ‘बाल स्वराज पोर्टल- कोविड केयर’ पर 11 जनवरी तक अपलोड किए गए आंकड़ों पर आधारित हैं।

अधिवक्ता स्वरूपमा चतुर्वेदी के माध्यम से दायर हलफ़नामे में कहा गया है कि 11 जनवरी तक अपलोड किए गए डेटा से पता चलता है कि देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले बच्चों की कुल संख्या 1 लाख 47 हज़ार 492 हैं जिनमें अनाथ बच्चों की संख्या 10 हज़ार 94 और माता या पिता में से किसी एक को खोने वाले बच्चों की संख्या 1 लाख 36 हज़ार 910 और परित्यक्त बच्चों की संख्या 488 हैं।

आयोग के अनुसार, लिंग के आधार पर 1,47,492 बच्चों में से 76,508 लड़के, 70,980 लड़कियां और चार ट्रांसजेंडर हैं। हलफ़नामे में कहा गया है कि कुल बच्चों में से सबसे अधिक 59 हज़ार 10 बच्चे, 8 से 13 साल आयु वर्ग के हैं, जबकि दूसरे स्थान पर चार से सात वर्ष के बच्चे हैं, जिनकी कुल संख्या 26 हज़ार 80 है।

आंकड़े बताते हैं कि 14 से 15 साल के बच्चों की कुल संख्या 22 हज़ार 763 और 16 से 18 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों की कुल संख्या 22,626 है।

हलफनामे में कहा गया है कि 1 हज़ार 529 बच्चे बाल गृहों में, 19 खुले आश्रय गृहों में, दो अवलोकन गृहों में, 188 अनाथालयों में, 66 विशेष गोद लेने वाली एजेंसियों में और 39 छात्रावासों में हैं। (AK)

 

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