योगी के ख़िलाफ़ अमरीका में शिकायत, योगी पर प्रतिबंध लगाने की मांग
आपराधिक और मानवाधिकार मामलों के अंतर्राष्ट्रीय वकीलों के एक विशेषज्ञ समूह ने 2017 और 2021 के बीच उत्तर प्रदेश के पुलिस बलों द्वारा कथित रूप से की गईं न्यायेतर हत्याओं में उनकी भूमिका को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अमरीकी सरकार को एक सबमिशन सौंपा है और योगी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
प्रस्तुतिकरण 9 फ़रवरी को अमरीकी राज्य विभाग और अमरीकी ट्रेजरी विभाग के समक्ष दायर किया गया जिसमें हाल ही में यूपी के डीजीपी पद से रिटायर हुए ओमप्रकाश सिंह और कानपुर ज़िला पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी के ख़िलाफ भी प्रतिबंधों की सिफ़ारिश की गई है।
अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता टॉबी कैडमैन ने बताया कि हम मानते हैं कि इस बात का प्रमाणिक आधार है कि जब पुलिस ने इन हत्याओं को अंजाम दिया उस समय तीनों व्यक्तियों के हाथों में पुलिस की कमान और नियंत्रण था लेकिन वे इन्हें रोकने में असफल रहे और ऐसे बयान और आदेश भी मौजूद हैं जो अपराध से इनका सीधा संबंध जोड़ते हैं।
ग्वेर्निका 37 केंद्र नामक संगठन ने यह सबमिशन दायर किया है. कैडमैन इस संगठन में सहयोगी वकील हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस बयान में ऐसे विश्वसनीय स्रोत हैं जो दिखाते हैं कि कैसे 2017 में योगी आदित्यनाथ के सरकार में आने के बाद से एक पैटर्न के तहत कथित ‘मुठभेड़ों’ में कम से कम 146 न्यायेतर हत्याएं की गईं और इसे योगी ने अपराधों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ घोषित किया।
उन्होंने आगे कहा कि इन मुठभेड़ों को पुलिस और कथित अपराधियों के बीच टकराव के तौर पर दिखाया गया जहां संदिग्धों को गोली मार दी गई और पुलिस ने इसे आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई बताया, हालांकि, इनमें से कई मामलों में गवाहों के बयान, ऑटोप्सी रिपोर्ट और अन्य सबूतों से पता चलता है कि पीड़ितों को वास्तव में मारा गया था। ज्ञात रहे कि योगी आदित्यनाथ के पास राज्य के गृहमंत्री का भी पद है। (AK)
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