Mar २५, २०२२ १८:०२ Asia/Kolkata
  • उत्तर प्रदेश में योगी की दूसरी पारी शुरू, मंत्रिमंडल से कई पुराने साथियों की छुट्टी, दानिश को मिली मोहसिन की जगह, कौन है नया मुस्लिम चेहरा?

लखनऊ के इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दूसरी बार शपथ ली। उनके अलावा केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। योगी आदित्यनाथ के अलाव कुल 52 मंत्रियों ने शपथ ली है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की कमान एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के हाथ में आ गई है। हज़ारों लोगों की मौजूदगी में लखनऊ के इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत 12 प्रदेशो के मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, जबकि केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा 16 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। निवर्तमान डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह, मुकुट बिहारी वर्मा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है।

योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के नए मुस्लिम मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी

इस बीच योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली पारी में मंत्री पद पर रहे एक मात्र मुस्लिम चेहरे मोहसिन रज़ा को भी दूसरी पारी में मंत्री पद नहीं मिला। उनके स्थान पर एक नए चेहरे को मंत्री बनाया गया है। भाजपा ने चुनाव में भले ही किसी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया था, लेकिन सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देते हुए दानिश आज़ाद अंसारी को मंत्री बनाया गया है। बलिया के रहने वाले 34 वर्षीय दानिश आजाद अंसारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश महामंत्री हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले आजाद भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई पदों पर रह चुके हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी से 2009 में बीकॉम करने वाले दानिश ने टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट से पीजी किया है। पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से भी मास्टर डिग्री ले चुके हैं। दानिश आज़ाद को योगी का भी क़रीबी माना जाता है। वह यूपी सरकार के फख़रुद्दीन अली मेमोरियल समिति के सदस्य भी रहे हैं। इसके अलावा राज्य भाषा समिति के भी सदस्य हैं।  (RZ)

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