चीनी विदेश मंत्री का भारत दौरा, जयशंकर और डोभाल से की मुलाक़ात, वांग यी की दिल्ली यात्रा क्यों है ख़ास?
भारत दौरे पर पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाक़ात के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हैं और जब तक सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक रिश्ते सामान्य हो भी नहीं सकते हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने पत्रकारों को बताया कि औचक दौरे पर भारत पहुंचे चीनी विदेश मंत्री वांग यी से उनकी बातचीत तीन घंटे तक चली और इस दौरान उन्होंने यी से ईमानदारी से बात की। उन्होंने बताया कि बातचीत दोनों देशों के आपसी रिश्तों पर ही केंद्रित रही। जयशंकर ने कहा, "अप्रैल 2020 से चीनी तैनातियों की वजह से उत्पन्न हुए टकराव और तनाव की वजह से संबंध सामान्य हो नहीं सकते। बातचीत में शांति की पुनर्स्थापना की मज़बूती से अभिव्यक्ति होनी चाहिए।" जयशंकर ने बताया कि लद्दाख में कुछ इलाक़ों में बातचीत आगे बढ़ी है और कुछ जगहों पर टकराव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि बातचीत में इसी बात पर चर्चा हुई कि "इस स्थिति को आगे कैसे ले जाया जाए। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि जब तक सीमावर्ती इलाक़ों में सेना की बड़ी तैनाती है, स्पष्ट है कि स्थिति सामान्य नहीं है।"
इस बीच भारत दौरे पर पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकर अजित डोभाल से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात के दौरान दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी सीमा-विवाद पर व्यापक चर्चा हुई। इस दौरान अजित डोभाल ने पूर्वी लद्दाख में बाक़ी बचे सभी विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को जल्द से जल्द और पूरी तरह पीछे हटाने पर बल दिया। वहीं वांग यी ने अजित डोभाल से कहा कि चीन भारत का 'सम्मान' करता है और दोनों देशों को एक-दूसरे के विकास को सकारात्मक तरीक़े से देखना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से कहा, 'दोनों देशों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और सीमा के मुद्दों को इससे अलग रखना चाहिए।' इस बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बीजिंग में कहा कि विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा का विस्तार से विवरण सही समय पर जारी किया जाएगा।
भारतीय सूत्रों के मुताबिक़, जयशंकर के साथ बातचीत से पहले वांग ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल से मुलाक़ात की और सीमा विवाद पर व्यापक बातचीत की। डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ वार्ता के दौरान शेष मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाने का आह्वान किया और इन मुद्दों के समाधान के लिए परिपक्वता व गंभीरता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। सूत्रों ने कहा कि चीनी पक्ष ने सीमा विवाद पर वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए डोभाल को चीन का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया। इस बीच जानकारों का मानना है कि भारत जानता है कि रूस और चीन उसे अपनी तरफ़ करने के लिए बेचैन हैं और इसलिए उसने उनके प्रस्तावों पर विचार करने के लिए सीमा पर पूर्ण रूप से शांति की स्थापना को शर्त बनाया है। दो सालों से चल रहे भारत-चीन सीमा गतिरोध के बीच यह पहली बार है जब दोनों देशों का कोई उच्च अधिकारी दूसरे देश की यात्रा पर गया है। उल्लेखनीय है कि मई और जून 2020 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर कई इलाक़ों पर झड़प हुई थी। 15 जून को लद्दाख की गल्वान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक मुठभेड़ हुई जिसमें भारतीय सेना के कम से 20 सैनिक मारे गए थे। इस घटना के बाद जल्द ही दोनों देशों ने सीमा के कई बिंदुओं पर भारी संख्या में सेना तैनात कर दी और दोनों देश लगभग युद्ध के मुहाने तक पहुंच गए थे। (RZ)
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