चीन के बढ़ते क़दम से भारत बेख़बर! पैंगोंग झील की सेटेलाइट तस्वीर ने मोदी सरकार को दिखाया ठेंगा
पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग त्सो झील के आसपास चीन अपने क्षेत्र में एक दूसरा बड़ा पुल बना रहा है। सेटेलाइट से ली गई तस्वीर और जानकारों के अनुसार इससे चीनी सेना को इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को जल्दी से जुटाने में मदद मिलेगी। वहीं चीन द्वारा अंजाम दी जा रही गतिविधियों से भारत सरकार बेख़बर नज़र आ रही है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, लंबे समय से भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर चले आ रहे विवाद में एक सेटेलाइट तस्वीर ने आग में घी डालने का काम किया है। एलएसी के साथ चीनी गतिविधियों पर नज़र रखने वाले भू-स्थानिक ख़ुफ़िया शोधकर्ता डेमियन साइमन ने ट्विटर पर नए निर्माण की सेटेलाइट तस्वीर शेयर की है। साइमन ने बताया कि चीन द्वारा पैंगोंग झील के ऊपर पुल बनाकर सेना की मदद करने के उद्देश्य से पहले पुल के समानांतर एक दूसरा बड़ा पुल बनाया जा रहा है। दो साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच जारी गतिरोध के बीच इस पुल के निर्माण ने फिर से दोनों देशों के तनाव में तीव्रता ला दी है। हालांकि इस नए निर्माण को लेकर भारतीय सेना और नई दिल्ली सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अगस्त 2020 में भारतीय सैनिकों द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई रणनीतिक चोटियों पर क़ब्ज़ा करने के बाद चीन अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
भारत भी सैन्य तैयारियों को बढ़ाने के सभी प्रयासों के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलों, सड़कों और सुरंगों का निर्माण कर रहा है। पता चला है कि चीन ने हाल ही में इलाक़े में पहले पुल का निर्माण कार्य पूरा किया है। जानकारों ने बताया है कि नया पुल वास्तविक नियंत्रण रेखा से 20 किमी से अधिक क्षेत्र में बनाया जा रहा है। पुल के बनने से रुडोक के दूर के क्षेत्र से पैंगोंग त्सो में वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास के क्षेत्र की दूरी काफ़ी कम हो जाएगी। पूर्वी लद्दाख में 4-5 मई 2020 के भारतीय और चीनी सेना का आमना-सामना हुआ था। भारत गतिरोध से पहले यथास्थिति बहाल करने पर ज़ोर देता रहा है। (RZ)
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