भारत का इतिहास फिर से लिखा जाएः अमित शाह
अमित शाह ने भारत के इतिहास को पुनः लिखे जाने पर बल दिया है।
भारत के गृहमंत्री ने इतिहास के फिर से लिखे जाने की पुरज़ोर अपील की है।
भारीतय संचार माध्यमों के अनुसार गुजरात चुनाव के बीच भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने इतिहासकारों से भारत के इतिहास को फिर से लिखने की अपील की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि सरकार उनके प्रयासों का समर्थन करेगी।
अमित शाह ने दिल्ली में असम सरकार के एक समारोह में कहा कि मैं इतिहास का छात्र हूं। मैंने कई बार सुना है कि हमारे इतिहास को सही तरीके से पेश नहीं किया गया और तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। हो सकता है कि यह सही हो। लेकिन अब हमें इसे ठीक करने की जरूरत है।
अमित शाह ने यह भी कहा कि लोगों के व्यापक लाभ के लिए इतिहास के पाठ्यक्रम पर फिर से विचार करने का समय आ गया है। गृहमंत्री ने विज्ञान भवन में मौजूद इतिहासकारों और छात्रों को आश्वासन दिया कि केंद्र उनके शोध में मदद करेगा। उन्होंने कहा आगे आएं शोध करें और इतिहास को फिर से लिखें।
अहोम जनरल लचित बरफुकन की जयंती के तीन दिवसीय समारोह के दूसरे दिन अमित शाह ने कहा कि मैं आपसे पूछता हूं कि हमें इतिहास को सही ढंग से और शानदार तरीके से पेश करने से कौन रोक रहा है? उन्होंने कहा मैं यहां बैठे सभी छात्रों और विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों से अनुरोध करता हूं कि वे इस कहानी से बाहर निकलें कि इतिहास सही नहीं है।
अमित शाह ने कहा कि देश में कहीं भी 150 वर्षों तक शासन करने वाले 30 राजवंशों और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले 300 प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों पर शोध करने का प्रयास करें। मुगल शासन के विस्तार को रोकने में लाचित की भूमिका को स्वीकार करते हुए अमित शाह ने कहा कि उन्होंने सरियाघाट की लड़ाई में खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्हें हराया।