Oct ०२, २०२३ १८:१३ Asia/Kolkata
  • भारत में अब हाईकोर्ट ने नमाज़ पर लगाया प्रतिबंध, धर्मनिरपेक्ष देश में केवल मुसलमानों को ही क्यों किया जा रहा है टार्गेट?

भारत में एक ओर जहां केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें तक मंदिरों और मूर्तियों के निर्माण में पानी की तरह पैसे बहा रही हैं। साथ ही बड़े-बड़े धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी सरकारी ख़र्च पर किए जा रहे हैं, वहीं इस देश में मुसलमानों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का निर्वाहन करने के लिए एक-एक गज़ ज़मीन के लिए संघर्ष करना पड़ा रहा है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के राज्य असम के गुवाहाटी हाई कोर्ट ने एयरपोर्ट पर नमाज़ के लिए अलग कमरा बनवाने के लिए दायर याचिका ख़ारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। किसी एक समुदाय की मांग पर ऐसी व्यवस्था नहीं जा सकती। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि नमाज़ पढ़ने के लिए मस्जिद है, जिसको पढ़ना है वह वहां जाए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राणा सुदैर ज़मान नामक व्यक्ति ने गुवाहाटी एयरपोर्ट पर नमाज़ के लिए अलग कमरा बनाने की मांग रखते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस सुस्मिता फूकन खौंद की पीठ ने 29 सितंबर को सुनवाई की। इस दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि संविधान में इस अधिकार का ज़िक्र कहां है कि सभी सार्वजनिक स्थलों पर एक ‘प्रेयर रूम’ होना चाहिए? कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार ने कुछ एयरपोर्टों पर प्रेयर रूम बनवाए हैं। क्या इसका मतलब यह है कि हर कोई यह कहे कि सभी सार्वजनिक स्थलों पर प्रेयर रूम होना चाहिए? कोर्ट ने आगे पूछा कि फिर सिर्फ एयरपोर्ट पर ही क्यों? हर सार्वजनिक स्थल पर क्यों नहीं? क्या इस तरह की मांग करना मौलिक अधिकार है? यदि तुम्हें नमाज़ पढ़नी है तो उसके लिए मस्जिद है। वहां जाओ और पढ़ो।

हाईकोर्ट के सवालों का जवाब देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि धूम्रपान, स्पा, रेस्टोरेंट और मंदिर बनाने के लिए नियम है। नमाज़ के लिए भी एक अलग कमरा होना चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि धूम्रपान के लिए अलग कमरा इसलिए बनाया जाता है ताकि उसे अन्य लोग प्रभावित न हों। रेस्टॉरेंट से कमाई होती है। इसलिए ये तो खोला ही जाएगा। लेकिन लोग नमाज़ पढ़ने जाएंगे तो कमाई नहीं होगी। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि ज़्यादातर फ्लाइट नमाज़ के समय ही होती हैं, इसलिए एक अलग कमरा ज़रूरी है। इसको लेकर कोर्ट ने कहा कि किसी भी यात्री के पास फ्लाइट का टाइम चुनने का ऑप्शन होता है। यह तो यात्री की मर्ज़ी है जिस टाइम पर फ्लाइट चाहिए उस टाइम की बुकिंग करे। उल्लेखनीय है कि भारत में वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से लगातार इस देश के मुसलमान का विभिन्न बहानों से दमन किया जा रहा है। अब इस देश में मुसलमानों के घरों को तोड़ना, मस्जिदों पर हमला करना, मॉबलिंचिंग करना और मुसलमानों को उनके धार्मिक कार्यों से रोकना आम बात बनती जा रही है। (RZ)

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए 

फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक करें।

टैग्स