Oct २६, २०२३ १९:३८ Asia/Kolkata
  • क़तर, इस्राईल के लिए जासूसी के आरोप में 8 पूर्व भारतीय नौसैन्य अधिकारियों को सज़ाए मौत

क़तर में एक साल से अधिक समय से हिरासत में रखे गए भारत के आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सज़ा सुना दी गयी।

भारत के विदेश मंत्रालय ने क़तर की अदालत के  फ़ैसले पर हैरानी जताई है।

ये अधिकारी एक निजी फ़र्म- दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे जो क़तर के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण और उससे संबंधित सर्विस दिया करती थी।

उन्हें अगस्त 2022 में हिरासत में लिया गया था। इन अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगाया गया था। उनकी ज़मानत याचिकाएं कई बार ख़ारिज हो चुकी हैं।

इन अधिकारियों ने वह अधिकारी भी शामिल हें जिन्हें 2019 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित भी किया था।

भारत के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि मृत्युदंड के फ़ैसले से हम बेहद हैरान हैं और विस्तृत फ़ैसले का इंतजार कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि हम परिवार के सदस्यों और क़ानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं, हमारे लिए यह मामला बहुत आवश्यक है और इस पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।

भारत के विदेशमंत्रालय के बयान में आया है कि हम सभी राजनयिक और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे और हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे। मंत्रालय के बयान में आया है कि कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के चलते ‘इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

सूत्रों का कहना है कि भारत के इन पूर्व नौसैनिक अधिकारियों पर इस्राईल की ओर से क़तर के पनडुब्बी कार्यक्रम को लेकर जासूसी करने का आरोप है। क़तर का कहना है कि उसके पास आरोपों से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी हैं। (AK)

 

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